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संघ में लगातार बढ़ रही है युवाओं की संख्या

नयी दिल्ली:राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में युवाओं की संख्या में लागातर वृद्धि हो रही है. कई युवा संघ से जुड़ रहे हैं. संघ का दावा है कि उसके संगठन से युवाओं का जुडाव लगातार बढ रहा है और संघ की शाखाओं में युवाओं की सहभागिता में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गयी है. […]

नयी दिल्ली:राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में युवाओं की संख्या में लागातर वृद्धि हो रही है. कई युवा संघ से जुड़ रहे हैं. संघ का दावा है कि उसके संगठन से युवाओं का जुडाव लगातार बढ रहा है और संघ की शाखाओं में युवाओं की सहभागिता में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गयी है.

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘‘संघ की सभी गतिविधियों में युवाओं की सहभागिता बढी है और पिछले वर्ष की तुलना में शाखाओं में स्वयंसेवकों की 25 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई जिसमें से दो तिहाई 45 वर्ष से कम आयु के हैं.’’ वैद्य से पूछा गया था कि क्या उत्तरप्रदेश, बिहार समेत विभिन्न प्रदेशों में संघ की शाखाओं में सहभागिता में कमी आ रही है.
वैद्य ने कहा, ‘‘हमारा अनुभव यह कहता है कि संघ से युवाओं का जुडाव लगातार बढ रहा है. ऐसा देखा गया है कि सुबह की शाखा की तुलना में रात्रि शाखा में इनकी संख्या अधिक होती है.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘केरल और असम समेत पूर्वोत्तर के प्रदेशों में संघ शाखाओं का विस्तार हो रहा है. पिछले दो वर्षो में पश्चिम बंगाल में शाखाओं की संख्या में तीन गुणा वृद्धि दर्ज की गई है.
वैद्य ने कहा, ‘‘देश में आरएसएस की करीब 45 हजार शाखाएं हैं. पिछले वर्षो में इसमें लगातार विस्तार हुआ है. हर साल संघ कक्षा वर्ग एवं शाखाओं के माध्यम से 70 हजार तरुण जुड रहे हैं और यह तब हो रहा है जब हमने संघ में प्रवेश की प्रक्रिया को कडा कर दिया है.’’ उन्होंने बताया कि संघ भाजपा से बेहतर तालमेल बनाने पर भी ध्यान केन्द्रित कर रही है और इसका दायित्व आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों ने सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल को दिया है जो सुरेश सोनी की जगह लेंगे. गोपाल ने इससे पहले लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश एवं बिहार जैसे प्रमुख राज्यों में भाजपा के साथ समन्वय करते हुए काफी काम किया था. वैद्य ने कहा, ‘‘आरएसएस ने कृष्ण गोपाल को पार्टी (भाजपा) के साथ समन्वय के लिए पार्टी का नया समन्वयक बनाया है.’’
वैद्य ने बताया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद हिन्दी पट्टी के राज्यों के अलावा केरल, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए संघ ने इन इलाकों में संगठन के विस्तार के साथ ही भाजपा से बेहतर तालमेल पर जोर दिया है.
इसी संदर्भ में लखनउ में 16 से 18 अक्तूबर तक आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक हो रही है जिसमें इन विषयों पर आगे का खाका तैयार किया जायेगा. बैठक में हिस्सा लेने के लिए कल शाम को ही सरसंघचालक मोहन भागवत लखनउ पहुंच गए हैं.लखनऊ में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के विषयों के बारे में पूछे जाने पर आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा कि इस बैठक में विभिन्न शाखाओं की ओर से छह महीने की योजना तैयार करने के साथ ही रिपोर्ट पेश की जाती है. इसमें बनवासी आश्रम, सेवा भारती समेत विभिन्न शाखाओं सहित अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक, प्रांत कार्यवाह समेत अन्य पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं.
यह पूछे जाने पर कि बैठक में कौन कौन से प्रमुख मुद्दे होंगे, पदाधिकारी ने कहा कि सभी तात्कालिक विषयों पर चर्चा हो सकती है जिसमें चक्रवात हुदहुद के कारण उत्पन्न स्थिति, पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी समेत विभिन्न सामाजिक मुद्दे शामिल हो सकते हैं. चुनाव के बारे में एक सवाल के जवाब में संघ के पदाधिकारी ने कहा कि संघ चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लेता है, वह केवल 100 प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने में योगदान करता है क्योंकि देश का मतदाता जागरुक है.
उन्होंने कहा कि संघ ने तीन चरणों में संगठन के विस्तार का कार्यक्रम रखा है. इसमें पहला चरण 2015 तक, दूसरा चरण 2018 तक और तीसरा चरण 2025 तक पूरा होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान चलन को देखते हुए हमारा अनुमान है कि हम 10 से 12 प्रतिशत की दर से विस्तार करेंगे.

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