नायडू ने कहा, हुदहुद ने किया लगभग 70,000 करोड़ का नुकसान

विशाखापत्तनम: हुदहुद च्रकवात के कारण आंध्र पदेश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. हालांकि कितना नुकसान हुआ है इसकी पूरी गणना अभी नहीं की जा सकी है लेकिन आंध्र पदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अनुमान लगाते हुए कहा कि जस तरह की गणना की जा रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2014 1:37 PM

विशाखापत्तनम: हुदहुद च्रकवात के कारण आंध्र पदेश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. हालांकि कितना नुकसान हुआ है इसकी पूरी गणना अभी नहीं की जा सकी है लेकिन आंध्र पदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अनुमान लगाते हुए कहा कि जस तरह की गणना की जा रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमें 70,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

नायडू ने यहां संवाददाताओं को बताया कि उत्तरी तटीय जिलों में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है और जनजीवन को पटरी पर लाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे है. जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति की बहाली का भी प्रयास किया जा रहा है.
नायडू ने बताया, ‘‘चक्रवात के कारण हुए नुकसान का पूर्ण आंकलन करना बहुत मुश्किल है. हमें अब तक चक्रवात प्रभावित सभी जिलों में 60,000 करोड रुपए या फिर 70,000 करोड रुपए के अनुमानित नुकसान की सूचना मिल रही है. हम फिलहाल किसी आंकडे पर नहीं पहुंच सकते. चक्रवात प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव अभियानों को अंजाम देना हमारी तत्काल प्राथमिकता है.’’ उन्होंने बताया कि एक या दो दिन में केंद्रीय दलों (नुकसान के अनुमान के लिए) के आंध्र प्रदेश पहुंचने की संभावना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल विशाखापत्तनम का दौरा किया और राहत कार्यों के लिए 1,000 करोड रुपए की अंतरिम सहायता राशि की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने चक्रवात में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए एक लाख रुपए और घायलों के लिए 50,000 रुपए की घोषणा की.
चक्रवात के कारण हजारों पेडों के उखडने और पारेषण लाइन के गिर जाने के कारण श्रीकाकुलम, विजयानगरम और विशाखापत्तनम के ज्यादातर हिस्से अंधेरे की चपेट में हैं.
नायडू ने बताया कि आज शाम या कल तक आंशिक तौर पर कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाली की संभावना है. मुख्यमंत्री ने बताया कि जहां तक संचार की बात है तो वे मोबाइल सेवा प्रदाताओं से बातचीत कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि तत्काल ही सेवा बहाल कर ली जाएगी.

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