परमाणु संयंत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा उपायों के लिए 2015 की समय सीमा तय

कांचीपुरम : परमाणु उर्जा नियामक परिषद (एईआरबी) ने अपनी ओर से सुझाए गए अतिरिक्त सुरक्षा प्रावधानों के मद्देनजर देश में परमाणु इकाइयों के लिए दिसंबर 2015 की समय सीमा निर्धारित की है. परिषद के अध्यक्ष एस एस बजाज ने बताया कि जापान में 2011 में फुकुशिमा त्रसदी के बाद परिषद ने व्यापक ऑडिट का काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2014 12:59 PM

कांचीपुरम : परमाणु उर्जा नियामक परिषद (एईआरबी) ने अपनी ओर से सुझाए गए अतिरिक्त सुरक्षा प्रावधानों के मद्देनजर देश में परमाणु इकाइयों के लिए दिसंबर 2015 की समय सीमा निर्धारित की है. परिषद के अध्यक्ष एस एस बजाज ने बताया कि जापान में 2011 में फुकुशिमा त्रसदी के बाद परिषद ने व्यापक ऑडिट का काम किया और परमाणु प्रतिष्ठानों के सुरक्षा प्रोटोकॉल के लिए तीन श्रेणियां बनायी- लघु अवधि, मध्यावधि और दीर्घावधि.

कलपक्कम में कल भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम :भाविनि: परिसर में 31 वीं ‘सेफ्टी एंड आक्युपेशन हेल्थ प्रोफेसनल्स’ बैठक का शुभारंभ करते हुए उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि लघु और मध्यावधि प्रावधान संपन्न हो चुका है और दीर्घावधि प्रावधान भी पूरा किये जाएंगे. प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रियक्टर का हवाला देते हुए भाविनि अध्यक्ष प्रभात कुमार ने बताया कि संचालन शुरु होने की बजाए सुरक्षा प्रावधानों की ज्यादा अहमियत है.

उन्होंने बताया कि इसे लागू करने के बाद ही तरल सोडियम के साथ 500 मेगावाट के पीएफबीआर को लोड करने का काम किया जा सकता है. इसके लिए चरणबद्ध तरीके से काम होगा. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भाविनि ने चेन्नई से 60 किलोमीटर दूर कलपक्कम में पीएफबीआर का निर्माण किया है.

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