17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जयललिता को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत,जेल से आयेंगी बाहर

नयी दिल्लीः तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी. सुप्रीम कोर्ट ने मख्यतः इस आधार पर उन्हें जमानत दिया कि बैंगलोर हाईकोर्ट में उनकी उस याचिका पर अभी सुनवाई नहीं की है जिसमें उनके वकील के द्वारा लोवर कोर्ट के फैसले को निरस्त करने की अपील की गयी है. […]

नयी दिल्लीः तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी. सुप्रीम कोर्ट ने मख्यतः इस आधार पर उन्हें जमानत दिया कि बैंगलोर हाईकोर्ट में उनकी उस याचिका पर अभी सुनवाई नहीं की है जिसमें उनके वकील के द्वारा लोवर कोर्ट के फैसले को निरस्त करने की अपील की गयी है.

इसके साथ ही अदालत ने जयललिता के वकील को यह सुनिश्चित करने को कहा कि जयललिता और उनकी पार्टी समर्थक प्रतिवादी पक्ष (सुब्रह्मणयम स्वामी) एवं तमिलाडू के अंदर किसी भी तरह की हिंसा का सहारा नहीं लेेंगे. साथ ही जमानत को इस शर्त के साथ जोड़ा कि 18 दिसंबर तक जयललिता के वकील के द्वारा 35 हजार पेज की केस फाइल सुप्रीम कोर्ट में जमा करायी जाए. इससे पहले हाई कोर्ट ने जयललिता की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. जयललिता बैंगलोर जेल में बंद है. कोर्ट के बाहर जयललिता के समर्थको ने जोरदार नारे लगाये.

जयललिता के पास दीवाली से पहले यह आखिरी मौका था . दीवाली से पूर्व जेल से बाहर आने के लिए जयललिता के पास 17 अक्‍टूबर का दिन अंतिम अवसर होगा क्योंकि शुक्रवार के बाद शीर्ष अदालत में एक सप्ताह का अवकाश रहेगा. कर्नाटक हाई कोर्ट के जमानत देने से इनकार करने के बाद उन्होंने नौ अक्तूबर को उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी.

27 सितंबर के बाद जेल में रह रही अन्नाद्रमुख प्रमुख ने जमानत के लिए खुद के विभिन्न बीमारियों से जूझने और इस मामले में उन्हें केवल चार साल की जेल की सजा सुनाए जाने को तत्काल राहत दिए जाने का आधार बनाया. पूर्व मुख्यमंत्री ने जमानत के लिए वरिष्ठ नागरिक तथा महिला होने को भी आधार बनाया गया है. हालांकि इसी आधार पर हाई कोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया था. जयललिता के इस केस को रामजेठमलानी देख रहे हैं. इससे पहले भी उन्होंने हाई कोर्ट में जयललिता के जमानत के लिए आधार तैयार किया था.
आय से अधिक मामले में जब जयललिता पर फैसला सुनाया गया तो उन्होंने 100 करोड़ के जुर्माने को शक्ति का मनमाना उपयोग बताया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि जज द्वारा उनपर जिस तरह जुर्माना लगाया है वह पूरी तरह से शक्ति का दुरुपयोग प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि जुर्माना उनकी आय का दुगुने से भी अधिक है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष अदालत ने 27 सितंबर को जयललिता को दोषी करार दिया और चार साल की सजा सुनायी. जिसके बाद जयललिता को मुख्यमंत्री का पद त्यागना पड़ा. कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिसके कारण उनके समर्थकों में घोर निराशा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें