अमेरिका से 157 कलाकृतियों और पौराणिक वस्तुओं के साथ पीएम मोदी भारत रवाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दिवसीय अमेरिका का दौरा खत्म हो चुका है और वे भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. पीएम मोदी रविवार को स्वदेश लौटेंगे और अपने साथ 157 प्राचीन कलाकृतियां व वस्तुएं लेकर भारत आएंगे. अमेरिका ने इन कलाकृतियों व वस्तुओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया है.
PM Modi US Visit प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दिवसीय अमेरिका का दौरा खत्म हो चुका है और वे भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. पीएम मोदी रविवार को स्वदेश लौटेंगे और अपने साथ 157 प्राचीन कलाकृतियां व वस्तुएं लेकर भारत आएंगे. अमेरिका ने इन कलाकृतियों व वस्तुओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में कहा कि इनमें से अधिकतर कलाकृतियां व वस्तुएं 11वीं से 14वीं शताब्दी के बीच की हैं. पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन कलाकृतियों को लौटाने के लिए अमेरिका का धन्यवाद किया. उसके मुताबिक प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चोरी, अवैध व्यापार और सांस्कृतिक वस्तुओं की तस्करी को रोकने के प्रयासों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई.
157 artefacts & antiquities were handed over by US during PM Modi’s visit. PM conveyed his deep appreciation for repatriation of antiquities to India by US. PM Modi & Pres Biden committed to strengthen their efforts to combat theft, illicit trade & trafficking of cultural objects pic.twitter.com/WI8PUewF8A
— ANI (@ANI) September 25, 2021
पीएम मोदी को सौंपी गई इन 157 कलाकृतियों व वस्तुओं में 10वीं शताब्दी की बलुआ पत्थर से तैयार की गई डेढ़ मीटर की नक्काशी से लेकर 12वीं शताब्दी की उत्कृष्ट कांसे की 8.5 सेंटीमीटर ऊंची नटराज की मूर्ति शामिल है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि इनमें से अधिकतर वस्तुएं 11वीं से लेकर 14वीं शताब्दी की हैं और सभी ऐतिहासिक भी हैं. इनमें मानवरूपी तांबे की 2000 ईसा पूर्व वस्तु या दूसरी शताब्दी की टैराकोटा का फूलदान है.
लगभग 71 प्राचीन कलाकृतियां सांस्कृतिक हैं वहीं शेष छोटी मूर्तियां हैं जिनका संबंध हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म से है. यह सभी धातु, पत्थर और टैराकोटा से बनी हैं. कांसे की वस्तुओं में लक्ष्मी नारायण, बुद्ध, विष्णु, शिव-पार्वती और 24 जैन तीर्थंकरों की भंगिमाएं शामिल हैं. कई अन्य कलाकृतियां भी हैं जिनमें कम लोकप्रिय कनकलामूर्ति, ब्राह्मी और नंदीकेसा शामिल है. पीएमओ ने कहा कि यह देश की प्राचीन कलाकृतियों व वस्तुओं को दुनिया के विभिन्न हिस्सों से स्वदेश वापस लाने का केंद्र सरकार के प्रयासों का हिस्सा है.
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