नयी दिल्ली : कालाधन मामले पर अब नरेंद्र मोदी सरकार पर चौतरफ हमला किया जाने लगा है. कांग्रेस ने तो इस मामले में केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. इधर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने केंद सरकार के रवैये पर सवाल उठाया है.
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा कल सुप्रीम कोर्ट में दिये गये बयान पर असंतोष जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को नामों को खुलासा करना चाहिए था. इधर इस मामले को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने मोदी का पत्र लिखते हुए कहा है कि इसे मेरा डाइंग डिक्लेरेशन मानें.
वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने केंद्र सरकार के इस रवैये का जोरदार प्रतिवाद करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई नहीं की जानी चाहिए. जनहित याचिका पर न्यायालय ने विशेष जांच दल का गठन किया था. उन्होंने कहा कि इस मसले पर एक दिन भी विचार नहीं किया जाना चाहिए.
इस तरह की अर्जी तो सरकार की ओर से नहीं बल्कि अभियुक्तों की ओर से दायर की जानी चाहिए थी.
सरकार विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वालों को बचाने का प्रयास कर रही है. मैंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है. उनके जवाब का इंतजार है. मोदी सरकार अपनी कैबिनेट की पहली ही बैठक में एसआइटी का गठन कर चुकी है.