शिवसेना ने दिये भाजपा के साथ फिर से दोस्ती के संकेत

मुंबई : चुनाव के बाद तमाम न्‍यूज चैनलों के द्वारा कराये गये सर्वे में हरियाणा और महाराष्‍ट्र में भाजपा की सरकार बनती नजर आ रही है. काउंटिंग के पूर्व ही जहां भाजपा में खुशी देखी जा रही है और अभी से मुख्‍यमंत्री के लिए उम्‍मीदवारों की खोज होने लगी है. वहीं महाराष्‍ट्र में भाजपा का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2014 11:21 AM

मुंबई : चुनाव के बाद तमाम न्‍यूज चैनलों के द्वारा कराये गये सर्वे में हरियाणा और महाराष्‍ट्र में भाजपा की सरकार बनती नजर आ रही है. काउंटिंग के पूर्व ही जहां भाजपा में खुशी देखी जा रही है और अभी से मुख्‍यमंत्री के लिए उम्‍मीदवारों की खोज होने लगी है. वहीं महाराष्‍ट्र में भाजपा का सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आने की संभावना के बीच पूर्व सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अपने तेवर में लचक लाते हुए फिर से गंठबंधन करने के संकेत दिये हैं.हालांकि अभी इसपर कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन ऐसी संभावना अब बनती नजर आ रही है.

महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भाजपा के उभरने की संभावना के बीच शिव सेना ने शुक्रवार को अपने पूर्व सहयोगी दल से संभावित सुलह के संकेत देने शुरू कर दिये हैं. उसने कहा है कि अब कोई कटुता नहीं होनी चाहिए. अपने मुखपत्र सामना में उसने कहा, अब और बहस या कटुता की जरूरत नहीं है. दिल टूट गये हैं. टूटे हुए दिल को जोड़ना मुश्किल है, पर महाराष्ट्र को स्थिरता, शांति की जरूरत है. बेहतर होगा कि काउंटिंग का इंतजार करें.

हालांकि शिवसेना और महाराष्‍ट्र भाजपा के नेताओं ने इस तरह की संभावनाओं को पूरी तरह से खारीज किया है. शिवसेना के नेता मनोहर जोशी ने इस तरह की खबरों का खंडन किया है. उन्‍होंने कहा कि महाराष्‍ट्र में शिवसेना को पूर्ण बहुमत मिल रही है और हम अपने दम पर सरकार बनायेंगे. उन्‍होंने भाजपा के साथ गंठबंधन मामले पर कहा कि अब फिर से भाजपा के साथ जाने के सवाल ही नहीं उठता है.
* एक्टिज पोल के दावे कई दफा हुए हैं फेल
मीडिया जगत में इस समय एक परंपरा चल पड़ी है चुनाव के बाद सर्वे कराया जाना. चुनाव खत्‍म हुए की नहीं तमाम मीडिया इस कार्य में लग जाती हैं. लेकिन यह नहीं भुलना चाहिए कि इसमें किये गये दावे कई बार फेल भी हो चुके हैं. हालांकि ऐसा भी हुआ है कि दावे सटीक बैठेहैं.
इसका उदाहरण पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान देखने को मिला था. तमाम मीडिया जगत ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में चुनाव मैदान में उतरी भाजपा को बहुमत का दावा किया था और यह दावा बिल्‍कुल सही साबित हुआ. लेकिन इसे पूरी तरह से सही मानकर हवा में उछने से नीचे गिरने की पूरी संभावना हो सकती है.

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