Mahaverdict : महाराष्ट्र में सरकार बनायेगी भाजपा, मुख्यमंत्री पद पर जताया अधिकार
महाराष्ट्र में त्रिशंकु विधानसभा के आसार के बाद वहां सरकार गठन को लेकर कयास लगने शुरू हो गये हैं. ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि भाजपा और शिवसेना गंठबंधन एक बार फिर साथ होगी. हालांकि मुख्यमंत्री का पद एक बार विवाद का कारण बन सकता है. वैसे भाजपा की ओर से यह बयान आया […]
महाराष्ट्र में त्रिशंकु विधानसभा के आसार के बाद वहां सरकार गठन को लेकर कयास लगने शुरू हो गये हैं. ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि भाजपा और शिवसेना गंठबंधन एक बार फिर साथ होगी. हालांकि मुख्यमंत्री का पद एक बार विवाद का कारण बन सकता है. वैसे भाजपा की ओर से यह बयान आया है कि मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा क्योंकि जनता ने उन्हें सरकार बनाने का जनादेश दिया है, यह अलग बात है कि कौन लोग जनादेश का सम्मान करते हुए उनके साथ आते हैं.
भाजपा सांसद किरीट सौमैया ने संवाददाताओं से कहा, लोगों ने हमें जिम्मेदारी दी है और हम इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए जो भी जरुरी होगा, वैसा करेंगे. सरकार हमारे नेतृत्व में बनेगी. ऐसी अटकलें हैं कि सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठजोड़ के मुद्दे पर शिवसेना मुख्यमंत्री पद की मांग को शर्त के रुप में पेश कर सकती है हालांकि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है.
महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने शुरू हो गये हैं. अबतक प्राप्त रुझानों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि दोनों राज्यों में नमो-नमो की गूंज है.
महाराष्ट्र के 288 सीट में से भाजपा को 113 पर बढ़त मिल गयी है, वहीं हरियाणा के 90 सीट में से 50 सीट पर बढ़त मिल चुकी है. इन रुझानों से यह स्पष्ट हो रहा है कि हरियाणा में भाजपा बहुमत की ओर बढ़ रही है, महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में तो उभर रही है, लेकिन प्रदेश में विधानसभा कैसा रूप लेगी यह तो अंतिम परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.
लेकिन अगर वर्तमान स्थिति के आधार पर विश्लेषण किया जाये, तो यह कहा जा सकता है कि भाजपा को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना या फिर एनसीपी के मदद की जरूरत पड़ेगी. भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना 63 सीटों पर आगे चल रही है. जबकि महाराष्ट्र में 15 वर्ष तक मिलकर सरकार चलाने वाली कांग्रेस और राकांपा 45-45 सीटों पर बढत बनाये हुए है.
चुनाव परिणामों से भाजपा कार्यालय में खुशी की लहर है. सभी नरेंद्र मोदी को जीत का श्रेय दे रहे हैं और उनके नेतृत्व की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस खेमे में निराशा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस के दिल्ली कार्यालय में कार्यकर्ता प्रियंका लाओ देश बचाओ का नारा भी लगा रहे हैं. कांग्रेस की यह स्थिति उसके नेतृत्व पर सवाल तो उठा ही रही है, यह भी स्पष्ट कर रही है कि कांग्रेस को अपनी रणनीतियों पर विचार करने की सख्त जरूरत है.यह तो बात हुई सरकार गठन की, लेकिन अगर अभी ताजा परिणामों पर अगर गौर करें, तो कई दिग्गज नेता भी अपना जनाधार खोते नजर आ रहे हैं.
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