महाराष्ट्र व हरियाणा विस चुनाव : राजनीतिक दबंगों की दुकान पर जनता ने लगाया ताला
नयी दिल्ली : महाराष्ट्र व हरियाणा चुनाव परिणाम से एक बात का साफ संकेत मिला है कि जनता अब और अधिक राजनीतिक दबंगई ङोलने को तैयार नहीं है. महाराष्ट्र व हरियाणा दोनों राज्यों में जनता ने अपने-अपने इलाके के राजनीतिक दबंग को हार का मुंह देखनो को मजबूर कर दिया है. इससे साफ है कि […]
नयी दिल्ली : महाराष्ट्र व हरियाणा चुनाव परिणाम से एक बात का साफ संकेत मिला है कि जनता अब और अधिक राजनीतिक दबंगई ङोलने को तैयार नहीं है. महाराष्ट्र व हरियाणा दोनों राज्यों में जनता ने अपने-अपने इलाके के राजनीतिक दबंग को हार का मुंह देखनो को मजबूर कर दिया है. इससे साफ है कि जनता यह नहीं चाहती कि उसके वोट से ही राजनीतिक ताकत हासिल करने वाला शख्स बाद में उसे आंखे दिखाये या राजा की तरह उसके साथ व्यवहार करे.
महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में पकड़ रखने वाले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणो को हार का मुंह देखना पड़ा है. उनकी हार के बाद शिवसेना के वैभव नायक ने कहा कि कुडाल की जनता ने नारायण राणो के आतंक के खिलाफ अपने गुस्से को चुनाव परिणाम के माध्यम से अभिव्यक्त किया है. महाराष्ट्र में भी ठसक व दबंगई की राजनीति करने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अबतक मात्र एक सीट जीत सकी है, जबकि मात्र तीन सीटों पर आगे चल रही है. उत्तर भारतीयों के तीखे विरोध की राजनीति करने वाले मनसे के नेता राज ठाकरे को भरोसा था कि राज्य के दो प्रमुख गंठबंधन टूट जाने के बाद वे इस स्थिति में आ जायेंगे कि सरकार गठन को प्रभावित कर सकेंगे, पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है.
उधर, हरियाणा में चौटाला परिवार के वर्चस्व की कहानियां आम हैं. इस चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ गुस्से के कारण खुद का अच्छा भविष्य देख रही चौटाला परिवार की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल को भी उम्मीदों के अनुरूप चुनाव परिणाम नहीं मिले हैं. सबसे बड़ी आफत तो यह है कि चौटाला परिवार के ज्यादातर सदस्य चुनाव में हार का मुंह देखने के करीब पहुंच गये हैं.
ओमप्रकाश चौटाला के पुत्र व पोते अपनी-अपनी सीट से पीछे चल रहे हैं. उचना कलां सीट से सांसद व इनेलो प्रत्याशी दुष्यंत चौटाला व चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला की पत्नी नैना तीसरे नंबर पर चल रही हैं. शिक्षक भर्ती घोटाले में अजय सिंह चौटाला अपने पिता ओमप्रकाश चौटाला के साथ जेल में बंद हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के परिवार के लोगों की स्थिति भी इस चुनाव में खराब है.