महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना के फिर साथ-साथ आने के संकेत

नयी दिल्ली : महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के दोपहर तक के रुझान से स्पष्ट है कि राज्य में अगर कोई सरकार बनेगी तो वह भाजपा के नेतृत्व में ही गठित होगी. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की किसी भी पार्टी या गंठबंधन को जरूरत है. भाजपा फिलहाल राज्य में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2014 1:34 PM
नयी दिल्ली : महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के दोपहर तक के रुझान से स्पष्ट है कि राज्य में अगर कोई सरकार बनेगी तो वह भाजपा के नेतृत्व में ही गठित होगी. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की किसी भी पार्टी या गंठबंधन को जरूरत है. भाजपा फिलहाल राज्य में 115 सीटों पर या तो जीत दर्ज कर चुकी है या फिर आगे चल रही है. वहीं, उसकी पूर्व सहयोगी शिवसेना 56 सीटों पर आगे चल रही है या जीत के करीब है. कांग्रेस व एनसीपी की यह स्थिति क्रमश: 45 व 47 सीटों पर है. इसके अलावा कई सीटों पर छोटे दल व स्वतंत्र उम्मीदवार आगे चल रहे हैं.
यानी मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में यह दिखा रहा है कि भाजपा को राज्य में सरकार गठन के लिए 25 से 30 सीटों की जरूरत हो सकती है. अगर अगले कुछ घंटों में भाजपा की स्थिति और मजबूत होती है तो यह संख्या 20 से नीचे भी जा सकती है. भाजपा नेताओं के ताजा बयानों, ट्विट से यह साफ है कि वह राज्य में एक मजबूत व स्पष्ट बहुमत वाली सरकार गठन करना चाहती है और यह तभी संभव है जब शिवसेना या एनसीपी उसके साथ आये. अगर छोटे सहयोगियों के साथ वह किसी तरह सरकार गठित कर भी लेगी तो शासन चलाने में व फैसले लेने में दिक्कतें आती रहेंगी. वैचारिक रूप से करीबी होने के कारण शिवसेना एक बार फिर सरकार में उसकी सहयोगी हो सकती है.
भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री के अनुसार, महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के सवाल पर कोई प्रतिक्रिया देने से पहले शिवसेना से इस मुद्दे पर उनकी पार्टी बात करेगी. उधर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद वरिष्ठ पार्टी नेता मनोहर जोशी ने भाजपा के खिलाफ कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं करते हुए यह जरूर कहा कि राज्य में किसी की लहर नहीं थी. उन्होंने भाजपा को मिली बढ़त का श्रेय पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस को दिया. उधर, सूत्रों ने कहा कि है दोनों दलों के बीच सरकार गठन पर फिर दोस्ती हो सकती है. शिवसेना अबतक राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए में बनी हुई है और केंद्र में उसके नेता अनंत गीते मंत्री भी हैं. दोनों दलों के बीच राज्य के नगर निगम व नगर पालिकाओं के बीच भी समझौता कायम है.
उधर, महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि बहुत अच्छा रिजल्ट है और यह तय है कि मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा. उन्होंने कहा कि हम राज्य में पारदर्शी सरकार देंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री के सवाल पर कहा कि चुनाव परिणाम साफ होने दीजिए और हमारी पार्टी का संसदीय बोर्ड इस संबंध में अंतिम फैसला लेगा. शिवसेना के साथ आने पर भाजपा उसे उप मुख्यमंत्री का पद दे सकती है. एनसीपी को भाजपा साथ लाने से इसलिए परहेज कर सकती है, क्योंकि नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान पर उस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये और शरद पवार पर लगातार तीखे राजनीतिक हमले किये.

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