हरियाणा : भाजपा सबसे बडे दल के रुप में उभरी
चंडीगढ : पहली बार हरियाणा में अपने दम पर चुनाव लड रही भाजपा राज्य की 90 विधानसभा सीट में से 10 पर कब्जा कर चुकी है और 42 सीट पर आगे चल रही है. अब तक मिले परिणामों के अनुसार, कांग्रेस को चार, इनेलो को पांच, शिरोमणि अकाली दल को एक सीट तथा निर्दलीय को […]
चंडीगढ : पहली बार हरियाणा में अपने दम पर चुनाव लड रही भाजपा राज्य की 90 विधानसभा सीट में से 10 पर कब्जा कर चुकी है और 42 सीट पर आगे चल रही है. अब तक मिले परिणामों के अनुसार, कांग्रेस को चार, इनेलो को पांच, शिरोमणि अकाली दल को एक सीट तथा निर्दलीय को एक सीट मिली है.
चुनाव में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री अशोक अरोरा कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर सीट पर भाजपा के सुभाष सुधा से 25,638 मतों के अंतर से चुनाव हार गए हैं. राज्य की 90 विधानसभा सीट में से भाजपा अंबाला केंट, बवानी खेडा (सु), सोनीपत, कालका, नारायणगढ, पंचकुला, रोहतक, शाहबाद, इन्द्री और थानेसर सीट पर अपना परचम लहरा चुकी है.
भाजपा के अनिल विज अंबाला ने केंट सीट पर 15462 मतों के अंतर से कांग्रेस के चौधरी निर्मल सिंह को हराया. बवानी खेडा :सु: सीट पर भाजपा के विशंभर सिंह ने इनेलो के दया भुरताना को 2559 मतों के अंतर से हराया. इन्द्री सीट पर भाजपा के करणदेव कंबोज ने इनेलो की उषा कश्यप को 23875 मतों के अंतर से हराया.
कालका सीट पर भाजपा की लतिका शर्मा ने इनेलो के प्रदीप चौधरी को 19027 मतों के अंतर से हराया. नारायणगढ सीट पर भाजपा के नायब सिंह ने कांग्रेस के रामकिशन को 24361 मतों के अंतर से हराया. पंचकुला सीट पर भाजपा के ज्ञानचंद गुप्ता ने इनेलो के कुलभूषण गोयल को 44602 मतों के अंतर से हराया.हरियाणा में भाजपा सत्ता की दहलीज पर खडी है और अपने बूते बहुमत हासिल करने की स्थिति में है. 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 47 सीट पर आगे चल रही है जो बहुमत के जादुई आंकडे 45 से दो सीट अधिक है.
ताजा रुझान के मुताबिक, प्रदेश में इनेलो 18 सीट पर आगे चल रही है जबकि कांग्रेस 13 सीट पर बढत बनाये हुए है और अन्य आठ सीट पर आगे चल रहे हैं. हरियाणा में पिछले चुनाव में कांग्रेस को 40 सीट पर जीत हासिल हुई थी जबकि इनेलो ने 31 सीट जीती थी. भाजपा को चार और हरियाणा जनहित कांग्रेस को छह सीट प्राप्त हुई थीं.
महाराष्ट्र में किसी भी दल के बहुमत के 145 सीट के जादुई आंकडे तक नहीं पहुंचने के संकेत के बीच राज्य में अगले कुछ दिनों तक सरकार बनाने के लिए अंकगणित के घटा-जोड और तालमेल की संभावनाओं को तलाशने को लेकर सियासी हलचल देखने को मिलेगी. अभी से ही भाजपा और शिवसेना के एक बार फिर साथ आने और मिलकर सरकार बनाने की अटकलें लगनी शुरु हो गई हैं.