सपा चाहती है कि राजा की जेपीसी में पेशी हो
नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुलायम सिंह यादव ने आज स्पष्ट किया कि जब तक पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष पेश होने की अनुमति नहीं दी जाती है तब तक उनकी पार्टी टू जी घोटाले पर मसौदा रिपोर्ट का समर्थन नहीं करेगी. इससे जेपीसी में […]
नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुलायम सिंह यादव ने आज स्पष्ट किया कि जब तक पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष पेश होने की अनुमति नहीं दी जाती है तब तक उनकी पार्टी टू जी घोटाले पर मसौदा रिपोर्ट का समर्थन नहीं करेगी. इससे जेपीसी में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
इस 30 सदस्यीय समिति में पहले ही 15 सदस्य मसौदा रिपोर्ट का विरोध कर चुके हैं और वे उसके प्रमुख पी सी चाको को हटाने की मांग कर रहे हैं. वे यह भी मांग कर रहे हैं कि राजा को अपना पक्ष रखने के लिए पेश होने की अनुमति दी जाए.
सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि यादव ने अपने दृष्टिकोण से कांग्रेस नेतृत्व को अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा कि राजा को बुलाये बगैर यह रिपोर्ट एकतरफा होगी. चाको अब तक राजा को बुलाने से इनकार करते रहे हैं. उनका कहना है कि राजा का लिखित प्रतिवेदन उनकी पेशी के बराबर ही है.
अब जेपीसी में यदि सपा का एक सदस्य विपक्ष के खेमे में चला जाता है तो सत्तारुढ़ दल के पास महज 14 सदस्य ही रह जायेंगे जिनमें एक चाको खुद हैं और दो बसपा के सदस्य हैं.
सूत्रों का कहना है कि हालांकि कांग्रेस अब भी राजा की व्यक्तिगत रुप से पेशी पर आनाकानी कर रही है क्योंकि उसे डर है कि वह यह कहेंगे कि उन्होंने हर चीज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं वित्त मंत्री पी चिदम्बरम से परामर्श के बाद की थी, ऐसे में इन दोनों नेताओं की पेशी की मांग और तेज हो जाएगी.
इन सभी बातों के बीच टूजी घोटाले पर रिपोर्ट स्वीकार किए जाने को लेकर जेपीसी की बहुतप्रतीक्षित बैठक बुलाने की तारीख पर अनिश्चितता बनी हुई है. पहले जेपीसी की बैठक दो या तीन मई को बुलाये जाने की संभावना थी.
चाको ने आज सुबह कहा कि वह बैठक बुलाने के विषय पर शाम में निर्णय लेंगे. लेकिन समझा जाता है कि बाद में कांग्रेस नेतृत्व ने उनसे कहा कि संसद से वित्तीय विधेयकों के पारित होने के बाद ही वह ऐसा करें (यानी बैठक बुलाएं). दरअसल कांग्रेस उससे पहले विपक्ष से जोर..आजमाइश टालना चाहती है.
ऐसी खबरें है कि लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने चाको को जेपीसी अध्यक्ष पद से हटाने के पक्ष में नहीं होने का संकेत दिया है. हालांकि जेपीसी के विपक्षी सदस्य उन्हें हटाने और मसौदा रिपोर्ट के पुनर्लेखन पर अड़े हुए हैं.