नयी दिल्लीः मंत्रिमंडल ने कोयला ब्लॉक आवंटन रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद लंबित मुद्दों के समाधान के लिये राष्ट्रपति से अध्यादेश जारी करने की सिफारिश की है.
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सरकार ने कोल ब्लॉक पर अध्यादेश की सिफारिश की
नयी दिल्लीः मंत्रिमंडल ने कोयला ब्लॉक आवंटन रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद लंबित मुद्दों के समाधान के लिये राष्ट्रपति से अध्यादेश जारी करने की सिफारिश की है. इसके बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, आवंटन रद्द किये जाने से प्रभावित कोयला खानों में खनन नहीं होने से बिजली, इस्पात, सीमेंट […]
इसके बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, आवंटन रद्द किये जाने से प्रभावित कोयला खानों में खनन नहीं होने से बिजली, इस्पात, सीमेंट क्षेत्रों के लिये समस्या हो सकती है कोयला ब्लॉकों का आवंटन सरकारी क्षेत्र की कंपनियों एनटीपीसी और राज्य बिजली को किया जायेगा.
निजी क्षेत्र में कोयले का वास्तविक रुप से इस्तेमाल करने वाली इस्पात, सीमेंट और बिजली कंपनियों को कोयला खानों की ई-नीलामी की जायेगी.
कोल इंडिया की वर्तमान और भविष्य की कोयला उत्खनन आवश्यकताओं का पूरी तरह संरक्षण किया जायेगा अध्यादेश में ऐसे प्रावधान भी किये जायेंगे ताकि भविष्य में वाणिज्यिक उपयोगकर्ताओं को अनुमति दी जा सके वित्त मंत्री ने कहा, यह कोयला उत्खनन क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण खत्म करने वाली बात नहीं है, 1973 का मूल कोयला राष्ट्रीयकरण अधिनियम बरकरार रहेगा.
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