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अब महाराष्ट्र में दीवाली के बाद बनेगी सरकार

मुंबई : महाराष्‍ट्र में सरकार गठन को लेकर बनाये गए पर्यवेक्षक और गृहमंत्री राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा का मुंबई दौरा रद्द हो गया है. अब राज्य में सरकार का गठन दीवाली के बाद होगा. आज विधायक दल की बैठक होनी थी लेकिन सभी विधायकों को दीवाली मनाने घर भेज दिया गया है. राजनाथ सिंह […]

मुंबई : महाराष्‍ट्र में सरकार गठन को लेकर बनाये गए पर्यवेक्षक और गृहमंत्री राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा का मुंबई दौरा रद्द हो गया है. अब राज्य में सरकार का गठन दीवाली के बाद होगा. आज विधायक दल की बैठक होनी थी लेकिन सभी विधायकों को दीवाली मनाने घर भेज दिया गया है. राजनाथ सिंह ने कहा कि महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने के लिए कोई पेंच नहीं फंसा है. भाजपा दीवाली के बाद सरकार बनाने की ओर अग्रसर होगी.

हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने वाली भाजपा की ओर से दोनों राज्यों में सरकार गठन की पहल को आगे बढ़ाया जा रहा है. इस संदर्भ में पार्टी प्रमुख अमित शाह ने आगे की रणनीति के बारे में सोमवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से विचार-विमर्श किया. शाह ने गडकरी के निवास पर जाकर उनसे महाराष्ट्र में सरकार गठन की संभावनाओं के संबंध में करीब 45 मिनट चर्चा की.

गडकरी महाराष्ट्र से पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. भाजपा के इस पूर्व अध्यक्ष के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अच्छे संबंध हैं. हरियाणा में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिल गया है, लेकिन महाराष्ट्र में वह यह जादुई आंकड़ा पाने से कुछ पीछे रह गयी है. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे.

फिर साथ-साथ होंगे भाजपा-शिवसेना !

भाजपा और शिवसेना में गंठबंधन की सरकार को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. टीवी में चल रही खबरों के अनुसार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा के अच्छे प्रदर्शन के लिए रविवार को प्रधानमंत्री को फोन कर बधाई दी थी. शाह और गडकरी के बीच हुई बैठक में 25 साल पुराने सहयोगी से फिर से तालमेल किये जाने को लेकर भी विचार विमर्श हुआ. उल्लेखनीय है कि सीटों के बंटवारे को लेकर आम सहमति नहीं बनने के कारण भाजपा-शिवसेना गंठबंधन टूट गया था. बहुमत से कुछ अंक पीछे रह गयी भाजपा फिर से शिवसेना से गंठबंधन बनाने में दिलचस्पी दिखा रही है. वहीं, शिवसेना का तेवर भी नरम है. इसी कवायद के तहत केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को महाराष्ट्र विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. संघ भी पक्ष में : समझा जाता है कि शिव सेना को अपने खेमे में वापस लेने के बारे में भाजपा में आम सहमति बन गयी है. संघ भी चाहता है कि दीर्घकालिक हितों के लिए हिन्दुत्व शक्तियां एकजुट रहें.

एनसीपी पर फिलहाल चुप्पी

उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को बाहर से समर्थन देने की पेशकश करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया है. पार्टी हालांकि एनसीपी की पेशकश के बारे में पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है. भाजपा को 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 122 सीटें मिली हैं और 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 47 सीटें.

सीएम की दौड़ में

महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख देवेंद्र फडनवीस मुख्यमंत्री पद की दौर में सबसे आगे बताये जा रहे हैं. हालांकि पंकजा मुंडे और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नामों की भी चर्चा है.

सोमवार को भी टल गया था राजनाथ का दौरा

भाजपा की एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए सोमवार को यहां आनेवाले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ का दौरा स्थगित कर दिया गया. विधान परिषद में विपक्ष के नेता विनोद तावड़े ने कहा कि नयी तारीख की घोषणा बाद में की जायेगी. उल्लेखनीय है कि राजनाथ सिंह राज्य में सरकार के मुखिया को लेकर फैसला करने के लिए सोमवार को मुंबई का दौरा करने वाले थे. भाजपा को 288 सदस्यीय विधानसभा में सर्वाधिक 122 सीटें मिली हैं.

शिवसेना : उद्धव लेंगे सारे फैसले

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक की. पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा कि सभी नवनिर्वाचित विधायक उद्धव जी से मिले और सर्वसम्मति से उन्हें विधायक दल का नेता चुनने को अधिकृत किया. पार्टी प्रमुख ने मध्य मुम्बई में दादर स्थित पार्टी मुख्यालय शिवसेना भवन में बैठक की. स्पष्ट किया कि आज की बैठक भाजपा के बारे में नहीं थी. शिवसेना ने इस चुनाव में अपना प्रदर्शन 2009 की तुलना में बेहतर किया और 63 सीट जीती.

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