जयपुर : राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट की मुश्किलें बढ़ने वालीं हैं. सोमवार देर रात मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सरकारी एंबुलेंस सेवा योजना घोटाला मामले की सीबीआइ से जांच की सिफारिश की है. गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ‘‘मुख्यमंत्री ने अपनी सिफारिश दे दी और मामला जांच के लिए सीबीआई को रेफर कर दिया जाएगा.’’ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ‘108’ एंबुलेंस सेवा की सीबीआई जांच के बारे में कल केंद्र को औपचारिक पत्र भेजेगी.
राजस्थान की भाजपा सरकार की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब राज्य के पुलिस महानिदेशक ने 2.56 करोड रुपये के कथित गबन के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा की थी. पुलिस महानिदेशक ओमेंद्र भारद्वाज ने शनिवार को कहा, ‘‘इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश कुछ दिनों पहले राज्य सरकार से की गई क्योंकि इस मामले में योजना और संबंधित धन केंद्र से जुडा हुआ है तथा यह उचित है कि मामले को केंद्रीय एजेंसी देखे.’’ राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौर ने पिछले सप्ताह कहा था कि पुलिस महानिदेशक ने मुख्यमंत्री से सिफारिश की है जो इस मामले में फैसला करेगी.
गहलोत ने दावा किया कि सरकार ऐसी चीजों के लिए अधिकारियों पर दबाव बना रही है जिसका मकसद लोगों का ध्यान भटकाना है. पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार बेहतर काम करने में नाकाम रही है और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वह ऐसे प्रयास कर रही है. जब जून में प्राथमिकी दर्ज की गई तो मुङो पता चला कि अधिकारियों पर इस तरह से काम करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.’’ सचिन पायलट ने भी पहले वसुंधरा सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया था.
पुलिस ने जयपुर नगर निमग के पूर्व महापौर पंकज जोशी की ओर अशोक नगर थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी. सीआईडी-सीबी इस मामले की जांच कर रही थी और इसमें गहलोत एवं पायलट के अलावा राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ए ए खान, पूर्व केंद्रीय मंत्री वायलार रवि के पुत्र रवि कृष्णा, केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के पूर्व आर्थिक सलाहकार शफी मातेर, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबर के पुत्र कार्ती चिदंबरम तथा एनएचआरम के तत्कालीन निदेशक और जिकित्जा हेल्थ केयर कंपनी की सीईओ श्वेता मंगल को आरोपी बनाया गया था.