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देवेंद्र फडणवीस बन सकते हैं महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री !

नयी दिल्ली : भाजपा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री अपने युवा नेता व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस को बना सकती है. सूत्रों के अनुसार, फड़नवीस दीपावली के ठीक बाद सोमवार को शपथ ग्रहण कर सकते हैं. हालांकि इससे पहले वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह व प्रभारी महासचिव जेपी नड्डा को भाजपा राज्य में विधायक दल का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2014 1:03 PM

नयी दिल्ली : भाजपा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री अपने युवा नेता व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस को बना सकती है. सूत्रों के अनुसार, फड़नवीस दीपावली के ठीक बाद सोमवार को शपथ ग्रहण कर सकते हैं. हालांकि इससे पहले वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह व प्रभारी महासचिव जेपी नड्डा को भाजपा राज्य में विधायक दल का नेता चयन के लिए भेजेगी.

44 वर्षीय फड़नवीस विदर्भ क्षेत्र से आते हैं और नागपुर से ही विधानसभा में पहुंचते रहे हैं. ब्राrाण समुदाय से आने वाले इस नेता की भूमिका भाजपा को जीत दिलाने में अहम मानी जाती है. वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लाबिंग कर रहे तीन दर्जन भाजपा विधायक भी फड़नवीस के नाम पर निरुत्तर हो जायेंगे. क्योंकि फड़नवीस भी नागपुर के रहने वाले हैं और विदर्भ से आते हैं.
राजनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि विदर्भ के व्यक्ति को सीएम बना कर भाजपा वहां की जन भावनाओं को भी तुष्ट करेगी और लोग अलग विदर्भ की मांग को लेकर आंदोलित नहीं हो सकेंगे. उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी का पुराना स्टैंड बदलते हुए घोषणा की थी कि वे महाराष्ट्र का विभाजन नहीं होने देंगे. मोदी का इसको राजनीतिक लाभ भी हुआ. अब जब वे विदर्भ का गठन नहीं करेंगे तो विदर्भ के विकास व वहां के शख्स को राज्य के शीर्ष पद पर पहुंचाना उनकी रणनीति का अगला चरण हो सकता है.
बिना शर्त ही शिवसेना से दोस्ती
शिवसेना हमेशा से भाजपा पर कड़ी शर्ते थोपती रही है. लेकिन भाजपा अब उसके लिए तैयार नहीं है. वह दूसरे छोटे दलों को साथ लाकर बहुमत पाने की जुगत में है. भाजपा का संकेत साफ है कि वह साथ आये लेकिन कोई शर्त नहीं थोपे. सूत्रों का कहना है कि भाजपा शिवसेना को डिप्टी सीएम का पद भी नहीं देगी और न ही उसकी शर्तो के अनुसार मंत्री पद देगी. राजनाथ सिंह ने मिलने पहुंचे शिवसेना नेताओं से मुलाकात नहीं कर शिवसेना को यह अहसास कराने की कोशिश की है कि भाजपा की शिवसेना को जरूरत होगी. शिवसेना को भाजपा की जरूरत नहीं है.

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