हरियाणा के सीएम खट्टर ने खेतीबाड़ी के अलावा ‘ट्यूशन’ पढ़ाने का काम भी किया

चंडीगढ़ : हरियाणा में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बनने जा रहे मनोहर लाल खट्टर पेशे से किसान हैं. विधानसभा चुनाव से पहले दाखिल उनके हलफनामे में यह ब्योरा दिया गया है. 60 वर्षीय खट्टर ने खेतीबाड़ी के अलावा ‘ट्यूशन’ पढ़ाने का काम भी किया है. पहली बार विधायक निर्वाचित हुए खट्टर ने हलफनामे में राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2014 10:12 AM

चंडीगढ़ : हरियाणा में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बनने जा रहे मनोहर लाल खट्टर पेशे से किसान हैं. विधानसभा चुनाव से पहले दाखिल उनके हलफनामे में यह ब्योरा दिया गया है. 60 वर्षीय खट्टर ने खेतीबाड़ी के अलावा ‘ट्यूशन’ पढ़ाने का काम भी किया है. पहली बार विधायक निर्वाचित हुए खट्टर ने हलफनामे में राज्य के रोहतक जिले के बिनयानी गांव में 20 कैनाल खेती की जमीन अपने नाम बतायी है.

हलफनामे के अनुसार यह जमीन पैतृक संपत्ति है जिसकी कीमत 50 लाख रुपये है. इसके अनुसार खट्टर के पास कोई गैर-कृषि भूमि या व्यावसायिक संपत्ति नहीं है और बिनयानी गांव में 800 वर्गफुट का घर है जिसका मौजूदा बाजार मूल्य तीन लाख रुपये है. उन्होंने 2013-14 में अपनी कुल आय 2.73 लाख रुपये घोषित की है. उनके के पास खुद का कोई वाहन नहीं है और शेयरों में भी उन्होंने कोई निवेश नहीं किया है.

खट्टर पहली बार विधायक बने हैं और पहली बार में उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है. वे 35 साल से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता हैं. वे 1977 में 24 वर्ष की आयु में आरएसएस से जुड़े थे. बीते 20 साल से वे भाजपा में सक्रिय रहे. खट्टर मूल रूप से पंजाबी हैं. राज्य में पहली बार इस बिरदारी का शख्‍श मुख्यमंत्री बना है.

खट्टर के पिता 1947 में पाकिस्तान से आकर रोहतक जिले के निदाना गांव में बसे थे जहां पर खट्टर का जन्म 1954 में हुआ. बाद में उनका परिवार बनियानी गांव में खेती करने लगा और बहीं बस गया. वे दसवीं पास करने के बाद दिल्ली में सदर बाजार में दुकानदारी करने लगे. साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन कर ली.

रोहतक की जगह करनाल से चुनाव लड़ाने पर विरोध भी हुआ पर आखिर में खट्टर आराम से जीत गए. करनाल से वे रिकॉर्ड 63,773 मतों से चुनाव जीते. उनको प्रशासन का तजुर्बा नहीं है पर आरएसएस में काम करना खट्टर की ताकत है.

नरेंद्र मोदी जब हिमाचल प्रदेश में भाजपा के प्रभारी थे तो उन्हें पार्टी ने सह प्रभारी का काम सौंपा था. इतना ही नहीं कच्छ में भूकंप के वक्त भी खट्टर पर मोदी ने भरोसा जताया था. 2014 के लोस चुनाव में खट्टर को मोदी के लोस क्षेत्र वाराणसी में कुछ वार्डों में काम का जिम्मा सौंपा गया गया.

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