‘केसरी’ ने लिखा : गोडसे को गांधी नहीं बल्कि नेहरू को मारना चाहिए था
तिरुवनंतपुरम : संघ के मुखपत्र ‘केसरी’ में भाजपा नेता बी गोपालाकृष्णन ने 17 अक्तूबर के अंक में इशारों में लिखा है कि महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को असल में पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को निशाना बनाना चाहिए था. गोपालाकृष्णन केरल की चालाकुडी लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे. उन्होंने […]
तिरुवनंतपुरम : संघ के मुखपत्र ‘केसरी’ में भाजपा नेता बी गोपालाकृष्णन ने 17 अक्तूबर के अंक में इशारों में लिखा है कि महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को असल में पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को निशाना बनाना चाहिए था. गोपालाकृष्णन केरल की चालाकुडी लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे. उन्होंने लिखा है कि नेहरू का स्वार्थ सभी बड़ी राष्ट्रीय त्रसदियों की वजह था.
गोपालाकृष्णन ने लिखा, अगर इतिहास के विद्यार्थियों ने ईमानदारी से बंटवारे के पहले के तथ्यों व गोडसे के विचारों का अध्ययन किया होता, तो वे इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते थे कि गोडसे ने गलत निशाना चुना. डेकन क्रॉनिकल के मुताबिक, पूरे लेख में तर्क किया गया है कि गांधी की हत्या में संघ का कोई हाथ नहीं था और गोडसे स्वयंसेवक नहीं था.
लेख में कहा गया है कि वैश्विक नेता बनने के लिए नेहरू को गांधीजी का नाम, खादी और टोपी चाहिए थी. गोडसे नेहरू से कहीं ज्यादा बेहतर था. उसने सम्मानपूर्वक झुकने के बाद उन्हें गोली मारी. वह नेहरू जैसा नहीं था कि आगे से झुका और पीठ में छुरा भोंक दिया.
कांग्रेस ने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि मुखपत्र में छपे इस लेख से आरएसएस का चेहरा साफ हो गया है. नेहरू आजादी की लड़ाई के दौरान जेल गए. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि कांग्रेस ‘केसरी’ के इस लेख की निंदा करती है. इसपर कार्रवाई होनी चाहिए.