मुंबई : महाराष्ट्र में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल करते हुए भाजपा ने 122 सीटें तो जुटा ली है, लेकिन सरकार बनाने के लिए अभी भी किसी दल से गंठबंधन पर मुहर नहीं लग सकी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा और शिवसेना के बीच फिर से गंठबंधन के कयास तेज हो गये हैं. लेकिन भाजपा पहले अल्पमत की सरकार बनायेगी. बाद में सदन में बहुमत साबित करेगी.
भाजपा और शिवसेना का 14 साल पुराना गंठबंधन इस साल विस चुनाव से कुछ दिनों पहले टूट गया था. गंठबंधन टूटने के बाद हुए चुनाव में दोनों ही पार्टियों को फायदा हुआ. इसी माह 19 को मतगणना के बाद जो आंकड़े सामने आये हैं उसमें भाजपा बहुमत से 23 सीटें दूर है. हालांकि शिवसेना और एनसीपी दोनों पार्टियां भाजपा को समर्थन देने के लिए तैयार हैं. लेकिन भाजपा ने अभीतक किसी भी पार्टी के साथ गंठबंधन को हरी झंडी नहीं दिखायी है.
उधर हरियाणा में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने वाली है.
मुख्यमंत्री की रेस में गडकरी और फडनवीस
भाजपा ने अभीतक अपने पूरे पत्ते नहीं खोले हैं. मुख्यमंत्री के नामों की अभीतक घोषणा नहीं की गयी है. हरियाणा में भाजपा ने मुख्यमंत्री का एलान कर दिया है. कल रविवार को वहां शपथ ग्रहण समारोह होगा. अब महाराष्ट्र में अभीतक पार्टी ने मुख्यमंत्री की घोषणा नहीं की है. इतना तो पहले बता दिया गया है कि किसी भी दल से गंठबंधन हो, मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा.
ऐसे में दो बड़े चेहरे सामने आ रहे हैं. एक चेहरा नितिन गडकरी का और दूसरा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस का है. दोनों ही प्रबल दावेदार हैं. हालांकि गडकरी ने मतगणना से पूर्व एक न्यूज चैनल से बातचीत में मुख्यमंत्री की होड़ में शामिल नहीं होने की बात कही थी. बावजूद इसके गड़करी ने आज संघ प्रमुख से मुलाकात की है.
उधरफडनवीस केवल भाजपा ही नहीं शिवसेना की भी पसंद है. दूसरी बात है विदर्भ को संतुष्ट करने के लिए भी फडनवीस को मुख्यमंत्री बनाया जा कसता है. सोमवार को महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल की बैठक होनी है. बताया जा रहा है कि इसी बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी. 29 को महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह है. इस दिन सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भाजपा की ओर से कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा.
सूत्रों ने बताया है कि भाजपा के पांच बड़े चेहरों को उस दिन मंत्री के रूप में शपथ दिलायी जायेगी. इनमें विनोद तावड़े, पंकजा मुण्डे, एकनाथ खड़से आदि शामिल हो सकते हैं.
विस चुनावों में भी दिखा मोदी लहर
अब देखा जाये तो इस बार का विस चुनाव भी मोदीमय रहा. अपने अकेले बूते पर मोदी ने भाजपा को दोनों ही राज्यों में धमाकेदार जीत दिलायी. जिस प्रकार लोकसभा चुनाव में पार्टी ने प्रधानमंत्री के रूप में मोदी को पहले ही सामने रख दिया था, विस चुनावों में ऐसा कहीं भी नहीं दिखा.
ऐसे में दोनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम पर कई दिनों तक स्थिति संदेहास्पद रही. बाद में भाजपा ने हरियाणा में मुख्यमंत्री की घोषणा तो कर दी है.लेकिन महाराष्ट्र का मामला अभीतक लटका हुआ है. पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने ऊपर से नामों की घोषण करने से परहेज किया और महाराष्ट्र भाजपा के पास ही मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार दे दिया.
विधायकों की बैठक में ही फैसला लिया जाना है कि किसको महाराष्ट्र की कमान सौंपी जाये.