पटना : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से स्वयं को धर्मनिरपेक्ष बताये जाने के एक दिन बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस प्रशंसा के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि ऐसे शब्दों से उन्हें राहत मिली है.
नीतीश ने संवाददाताओं से कहा, उन्होंने सच कहा है और हर किसी को सच बोलना चाहिए. और जब देश के प्रधानमंत्री ऐसा कहते हों, तब इससे निश्चित तौर पर मुझे राहत मिली है. मैं ऐसा कहने के लिए उनका तहे दिल से धन्यवाद देता हूं. जदयू के साथ कांग्रेस के रिश्तो में गर्माहट का संकेत उस सम मिला जब कल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री को धर्मनिरपेक्ष बताते हुए कहा था कि राजनीति में कोई स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता है.केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद यहां राष्ट्रपति भवन में संवाददाताओं द्वारा कांग्रेस-जदयू गठबंधन की संभावना के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा, ‘‘राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता. हम स्थिति के अनुसार फैसला करते हैं.’’प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि जदयू नेता धर्मनिरपेक्ष हैं.
यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस जदयू से समर्थन मांगेगी, उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बारे में या भविष्य के बारे में कोई अनुमान नहीं लगा सकता. हमें समान विचारधारा वाले सभी लोगों का समर्थन चाहिये. संसद में हम उनका समर्थन चाहते हैं.’’सिंह ने भाजपा में गुजरात के मुख्यमंत्री का कद बढने या भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी के पार्टी पदों से इस्तीफे के बारे में किये गये सवालों के जवाब देने से इंकार कर दिया और कहा, ‘‘यह भाजपा का अंदरुनी मामला है.’’पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रस्तावित संघीय मोर्चे के बारे में सिंह ने कहा, ‘‘मुङो नहीं लगता कि संघीय मोर्चा वास्तव में संप्रग के लिये कोई चुनौती पेश कर पायेगा.’’
उन्होंने कहा कि समय आने पर संप्रग को अच्छा समर्थन मिलेगा. इससे पहले कांग्रेस के मीडिया प्रकोष्ठ के नवनियुक्त प्रमुख अजय माकन ने दावा किया कि राहुल गांधी के नेतृत्व में उनकी पार्टी आगे बढ रही है और बिहार में गठबंधन से जदयू के अलग होने के साथ ही राजग सिमट रहा है.