नयी दिल्ली :वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा के पूर्व नेता राम जेठमलानी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने काला धान मुद्दे पर केन्द्र सरकार को पूरी तरह घेर रखा है. एक और जेठमलानी बार-बार नाम काला धन वालों के नाम सार्वजनिक नहीं करने के सरकार के फैसले पर पूर्व से ही सवाल उठाते रहे हैं.
वहीं आज सरकार की ओर से तीन कारोबारियों के नाम सामने लाये जाने से जेठमलानी ने इसे ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ करार दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार केवल डिंग हांक रही है. काला धन मामले में स्विस सरकार की ओर से जो सूची सौंपी गयी है, उस पूरी सूची को सरकार सार्वजनिक करने में परहेज क्यों कर रही है. सरकार का यह रवैया बिलकुल यूपीए की तरह ही है. उन्होंने कहा कि सरकार के रूख के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था. लेकिन नतीजा जो निकला वह संतोषजनक नहीं है.
उन्होंने कहा कि सरकारी के काम से लगता है वह इनसे (काला धन वालों से) मिली हुई है. इनको कुछ काम करना ही नहीं है. जो लोग काला धन वालों का नाम छुपाना चाहते हैं वे देशद्रोह का काम कर रहे हैं.
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि सरकार के पास काला धन वाले 800 लोगों के नामों की लिस्ट है. सरकार उन सभी नामों के जनता के सामने लाये. उन्होंने अपनी ओर से 15 बड़े उद्योगपतियों के नाम सार्वजनिक किये हैं और कहा कि सरकार को उनके नाम भी हलफनामें में रखने चाहिए थे.
केजरीवाल ने जो 15 नाम गिनाये उनमें मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, कोकिलाबेन अंबानी, नरेश गोयल, संदीप टंडन, अनु टंडन यशोवद्धन बिड़ला, बर्मन परिवार के तीन सदस्यों आदि के नाम शामिल हैं. केजरीवाल ने कहा कि इनका भी विदेशों में खाता है और इनके पास भी काला धन हो सकता है. हालांकि केजरीवाल ने जिन लोगों के नाम लिए हैं उनका पक्ष नहीं आया है.
केजरीवाल ने कहा कि जब यूपीए सरकार काला धन वालों की सूची सार्वजनिक करने से कतरा रही थी, तब भाजपा इसका विरोध करती थी और आज भाजपा भी वही काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जब देश में काला धान का मामला सुर्खियों में है उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी का अंबानी परिवार के कार्यक्रम में सिरकत करना जांच को प्रभावित कर सकता है.