10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उमा भारती बोलीं, गंगा के तटों पर अस्थि विसर्जन नहीं करने दिया जायेगा

नयी दिल्ली : केंद्रीय जल संसाधन और गंगा सफाई अभियान से जुड़ी मंत्री उमा भारती ने गंगा नदी में बढ़ते प्रदुषण को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है. उन्‍होंने गंगा के तटों पर अस्थि विसर्जन को रोकने का फैसला लिया है. गंगा नदी में प्रदूषण रोकने के तौर तरीके […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय जल संसाधन और गंगा सफाई अभियान से जुड़ी मंत्री उमा भारती ने गंगा नदी में बढ़ते प्रदुषण को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है. उन्‍होंने गंगा के तटों पर अस्थि विसर्जन को रोकने का फैसला लिया है. गंगा नदी में प्रदूषण रोकने के तौर तरीके ढूढने में सरकार के जुटे रहने के बीच आज केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि इस पावन नदी के तटों पर अस्थि विसर्जन नहीं करने दिया जाएगा.

उन्होंने कहा, गंगा में अस्थि विसर्जन पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन यह नदी के मध्य में गहरे पानी में किया जाना चाहिए न कि तटों पर. हम तटों पर अस्थि विसर्जन नहीं करने देंगे. पुनर्गठित राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की यहां पहली बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि जहां तक अस्थि विसर्जन की बात है तो संतों ने हमसे कह दिया है कि हम जो भी फैसला करेंगे, उन्हें वह स्वीकार्य होगा.

यह सुनिश्चित करने के लिए कि आधी जली हुई लकड़ी नदी में नहीं फेंकी जाए, श्मशानघाट के डिजायन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक दाह संस्कार की बात है तो दोनों की विकल्प- लकडियों से दाह संस्कार और इलेक्ट्रिक दाह संस्कार खुले हैं.

उन्होंने कहा, यदि किसी की अंतिम इच्छा लकडियों से दाह संस्कार कराए जाने की है तो यह सुनिश्चित किया जाए कि वह कम से कम लकडियों से हो. मैंने हमेशा ही एक ऐसे डिजायन की बात की है जिसमें कम लकडियां खपत होती हों. यदि साधु हमसे कहते हैं कि इलेक्ट्रिक दाह संस्कार ठीक है तो हमें दोनों तरह के दाह संस्कार सुनिश्चित कर सकते हैं.

उमा ने संवाददाताओं से कहा, लकडियों वाले दाह संस्कार को लेकर मैंने सिर्फ इतना कहा था कि डिजायन ऐसा हो कि कम से कम लकडियों की जरुरत हो तथा शव पूरी तरह जल जाए ताकि आधी जली हुई लकडियां नदी में नहीं फेंकी जाए.

उन्होंने कहा कि आईआईटी, राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान तथा सीपीसीबी वाली तकनीकी समिति द्वारा संतों के साथ परामर्श कर समीक्षा किए जाने के बाद ही उसे लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूजा सामग्रियों के विसर्जन पर कोई रोक नहीं होगी. लेकिन श्रद्धालुओं की नजर से दूर जाल से इन सामग्रियों को निकाला जा सकता है. इसमें एनजीओ और नगर निकाय शामिल हो सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें