निठारी के नरपिशाच सुरेंद्र कोली की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
नयी दिल्ली : मासूम लड़कियों को प्रलोभन देकर उनके साथ दुष्कर्म, हत्या करने जैसे अपराधों के लिए देश भर में चर्चित हुए नर पिशाच सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा के संबंध में पुनर्विचार याचिका को आज सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया. इससे पहले 28 अक्तूबर की सुनवाई के मद्देनजर उसकी फांसी पर 29 […]
नयी दिल्ली : मासूम लड़कियों को प्रलोभन देकर उनके साथ दुष्कर्म, हत्या करने जैसे अपराधों के लिए देश भर में चर्चित हुए नर पिशाच सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा के संबंध में पुनर्विचार याचिका को आज सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया. इससे पहले 28 अक्तूबर की सुनवाई के मद्देनजर उसकी फांसी पर 29 अक्तूबर तक के लिए रोक लगा दी गयी थी. उसे अदालत द्वारा अपने अपराध के लिए फांसी की सजा सुनायी गयी है और राष्ट्रपति कार्यालय से भी इस पर मुहर लग गयी है.
कोली नोएडा के निठारी गांव स्थित अपने मालिक के बंगले में मासूम लड़कियों को बुला कर उनके साथ दुष्कर्म करता था, उसके बाद हत्या कर मांस के टुकड़े खाता था. ऐसा उसने कई लड़कियों के साथ किया था. ऐसे कुकृत्य के कारण सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा अदालत ने सुनायी है. फांसी से पूर्व उसे डासना जेल में रखा गया है.
बदल गया है नर पिशाच कोली
सुरेंद्र कोली ने जेल अधीक्षक को पत्र लिख कर गीता और महात्मा गांधी की आत्मकथा पढ़ने के लिए मांगा है. उसने फांसी लगने के बाद अपनी आंखें, दिल और किडनी को जरूरतमंदों को दान देने की भी इच्छा प्रकट की है. कोली ने अपने पत्र में जिक्र किया है, उसे न्याय जरूर मिलेगा. फिर भी अगर उसे फांसी होती है, तो उसके शरीर के उपयोगी अंग आंखें, किडनी व दिल आदि बीमार व अपंग लोगों को दान कर दिये जायें. डासना जेल अधीक्षक एसपी यादव ने मीडिया से कहा है कि सुरेंद्र कोली के पत्र को जरूरी दिशा-निर्देश के लिए ऊपर के अधिकारियों के पास भेजा गया है.