क्षेत्रीय से राष्‍ट्रव्यापी हो रहा है छठ महापर्व, दिल्ली में अवकाश की घोषणा

देहरादून : छठ महापर्व ने क्षेत्रीय से राष्‍ट्रव्यापी रुप ले लिया है. पहले इसे मात्र पूर्वांचल के लोगों ही करते थे लेकिन आज इसका विस्तार महाराष्‍ट्र कोलकाता दिल्ली उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी हो गया है. बिहार यूपी और झारखंड के लोग जहां भी जाकर बसे वहां अपनी संस्कृति का प्रसार किया जिसके कारण वहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2014 2:25 PM

देहरादून : छठ महापर्व ने क्षेत्रीय से राष्‍ट्रव्यापी रुप ले लिया है. पहले इसे मात्र पूर्वांचल के लोगों ही करते थे लेकिन आज इसका विस्तार महाराष्‍ट्र कोलकाता दिल्ली उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी हो गया है. बिहार यूपी और झारखंड के लोग जहां भी जाकर बसे वहां अपनी संस्कृति का प्रसार किया जिसके कारण वहां के लोगों के बीच भी पूर्वांचल के पर्व के प्रति जिज्ञासा जगी और वे अपने को इससे प्रभावित किये बिना नहीं रह सके.

इस पर्व को लेकर अब दिल्ली और उत्तराखंड के कुछ जिलों में छुट्टी की घोषणा की जा चुकी है. दिल्ली में पहली बार इस महापर्व को लेकर सरकारी छुट्टी का एलान किया गया है. वहीं उत्तराखंड के देहरादून, नैनीताल, उधमसिंह नगर और हरिद्वार जिलों में कल 29 अक्टूबर को छठ पूजा के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है.

उत्तराखंड सरकार में सचिव सीएमएस बिष्ट ने यहां बताया कि उक्त चारों जिलों में कल छठ पूजा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा. उन्होंने बताया कि पहले इन जिलों में एच्छिक अवकाश घोषित किया गया था लेकिन अब उसमें संशोधन करते हुए सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है.

गुरुवार को सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. ऐसा अनुमान है कि मुंबई के विभिन्न समुद्र तटों पर लगभग पांच लाख लोग जमा होंगे और छठ पूजा समारोह में हिस्सा लेंगे. सबसे अधिक लोगों के मुंबई के जुहू समुद्र तट पर जमा होने की उम्मीद की जा रही है. इसको लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं.

वहीं कोलकाता में भी बाबू घाट से लेकर, ग्वालियर घाट, बाजा कदम तल्ला घाट पर लाखों लोग सूर्य को अर्घ्‍य देने पहुंचते हैं. छठ को लेकर सामाजिक संगठनों की ओर से गंगा घाटों पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है. प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी घाटों को सजाया जा रहा है.

बिहार में तो इसे राजकीय पर्व जैसा दर्जा मिला हुआ है. अब कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में भी बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग ये पर्व बड़े पैमाने पर मनाने लगे हैं.

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