स्विस बैंक खातों की जानकारी सार्वजनिक करने के मुद्दे भारत के साथ मतभेद
वाशिंगटन : स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्रालय में निदेशक और विधि सलाहकार वैलेंटीन जेलवेजर ने यह कहते हुए कि स्विट्जरलैंड के कानून में करचोरी आपराधिक कृत्य नहीं माना गया है, स्वीकार किया है कि स्विस बैंकों में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के बारे में कौन सी जानकारी जानकारी सार्वजनिक की जा सकती है, इस […]
वाशिंगटन : स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्रालय में निदेशक और विधि सलाहकार वैलेंटीन जेलवेजर ने यह कहते हुए कि स्विट्जरलैंड के कानून में करचोरी आपराधिक कृत्य नहीं माना गया है, स्वीकार किया है कि स्विस बैंकों में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के बारे में कौन सी जानकारी जानकारी सार्वजनिक की जा सकती है, इस पर भारत के साथ मतभेद हैं. जेलवेजर ने हालांकि यह उम्मीद जताई कि भारत में एक ऐसी नई सरकार के सत्ता में आने के बाद अब इन मदतभेदों को शीघ्रता से हल कर लिया जाएगा जो काले धन के मामले पर कार्रवाई को प्राथमिकता दे रही है.
हालांकि उन्होंने कहा कि गैर काूननी काम के मामले में उनके देश में कोई बैंकिंग गोपनीयता नहीं है. उन्होंने कहा ‘‘यदि हम गैरकानूनी कार्यों की करते हैं तो उनको ले कर कोई बैंकिंग गोपनीयता नहीं लागू होती. इसलिए यदि हमें किसी देश के अभियोजक से आवेदन मिलता है तो इस पर कोई बैंकिंग गोपनीयता लागू नहीं होती. हम ‘अपने ग्राहक को जानो’ :केवाईसी: नियम पर बेहद सख्त हैं. इसलिए हम सूचना तेजी से देते हैं.’’ काले धन के खातों से जुडे नामों की पहली सूची के सवाल के जवाब में जेलवेजर ने कहा कि भारत सरकार के साथ अब तक कर चोरी पर बात हुई है किसी अन्य गैरकानूनी कार्रवाई पर नहीं.
उन्होंने वाशिंगटन में एक बैठक को संबोधित करते हुए स्वीकार किया कि यह विवाद का विषय है. उन्होंने कहा ‘‘हमारी भारत सरकार के साथ लंबी बात हुई है. लेकिन यह कर चोरी के संबंध में है. कर चोरी स्विट्जरलैंड के कानून के तहत कोई आपराधिक मामला नहीं है. इसमें बदलाव हो रहा है. हम अब अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपना रहे हैं.’’ उन्होंने कहा ‘’यह विवाद का मूल मुद्दा है. भारत सरकार के साथ असहमति इस बात पर है कि किन जानकारियों को सार्वजनिक किया जाए. भारत में नई सरकार बनी है. हमें उम्मीद है कि हम इस मामले को पहले के मुकाबले जल्दी सुलझा लेंगे.’’