राहुल ने कहा,संगठनात्मक चुनाव के बाद आयेगी पार्टी में मजबूती

नयी दिल्लीः महाराष्ट्र और हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस पार्टी के महासचिवों और प्रदेशों अध्यक्षों के साथ पार्टी के शीर्ष नेताओं ने आज पहली औपचारिक मुलाकात की. इस मुलाकात में हार के कारणों पर आत्मंथन किया गया. बैठक में पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने विचार व्यक्त किये. उन्होंने कहा, पार्टी में संगठनात्मक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2014 5:55 PM

नयी दिल्लीः महाराष्ट्र और हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस पार्टी के महासचिवों और प्रदेशों अध्यक्षों के साथ पार्टी के शीर्ष नेताओं ने आज पहली औपचारिक मुलाकात की. इस मुलाकात में हार के कारणों पर आत्मंथन किया गया. बैठक में पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने विचार व्यक्त किये. उन्होंने कहा, पार्टी में संगठनात्मक चुनावों का इस्तेमाल संगठन को नयी उर्जा पैदा करने के लिए किया जाना चाहिए. संठनात्मक चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी होने की बात कही गयी.

राहुल ने कहा, केंद्रीय चुनाव समिति को पूरा अधिकार दिया गया है ताकि पूरी प्रतिक्रिया को वास्तविक रूप दिया जा सके. उनके पास पूरी ताकत है कि वह अपने फैसला ले सकें. राहुल गांधी ने मुल्लापल्ली रामचन्द्रन को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.संभावना है कि आने वाले वक्त में कई फैसले लिए जा सकते हैं. पार्टी लगातार असफलता से निराशा में है और कई संगठानत्मक बदलाव के बाद एक नयी उर्जा संचार करने की पूरी कोशिश कर रही है. पार्टी इस तरह के फैसले लेकर हजारों कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेस की पराजय के लिए संगठन की कमजोरियों को प्रमुख कारणों में से एक बताया जा रहा है. आने वाले समय में संगठन में व्यापक बदलाव की संभावनाओं को लेकर चर्चायें जोरों पर है. इस चर्चा में पार्टी के कई राज्यों के प्रभारी महासचिवों के साथ- साथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्षों ने भी हिस्सा लिया. पार्टी में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है. ऐसे में चुनाव के बाद और यह अगले साल नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के साथ पूरी होगी.
राहुल गांधी पहले से जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को आगे लाने और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के पक्ष में रहे हैं ऐसे में पार्टी के लगातार खराब प्रदर्शन से उनकी इच्छाओं को और बल मिला है. कांग्रेस के संगठानात्मक चुनाव में पारदर्शिता पर हमेशा से सवाल खड़े होते रहे हैं ऐसे में इस बार चुनाव में पूरी पारदर्शिता बरतने की कोशिश की जा रही है.

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