मुंबई: भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने आज यहां एक अदालत में एक याचिका दायर कर उन्हें अदालत में पेश होने से छूट दिये जाने का अनुरोध किया, जब तक कि उनकी आरोप मुक्त करने की याचिका पर सुनवाई नहीं हो जाती. अदालत सोहराबुद्दीन शेख एवं तुलसीराम प्रजापति की मुठभेड में हुई मौतों के मामले की सुनवाई कर रही है.
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि अदालत द्वारा शाह की याचिका पर 10 नवंबर को आदेश सुनाने की संभावना है. सीबीआई ने गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री शाह तथा कई पुलिस अधिकारियों सहित 37 अन्य के विरुद्ध इन दो मुठभेडों के मामले में आरोपपत्र दाखिल किये थे. एजेंसी का कहना है कि ये मुठभेड फर्जी थे.
सीबीआई के अनुसार सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने उस समय पकड लिया था जब वे हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे और नवंबर 2005 में गांधीनगर के समीप फर्जी मुठभेड में उनको कथित रुप से मार डाला गया. सोहराबुद्दीन पर पाकिस्तान के आतंकी समूह लश्करे तैयबा से संबंध होने का आरोप है. प्रजापति इस मुठभेड में एक प्रत्यक्षदर्शी था. उसको गुजरात के बनासकांठा में दिसंबर 2006 में कथित रुप से पुलिस ने मार डाला.