मुंबई : केंद्र सरकार ने एक मामले की सुनवाई के दौरान बंबई हाई कोर्ट में यह बात कही है कि अब बच्चे के लिए पासपोर्ट का आवेदन करते वक्त अविवाहित मां को यह बताना होगा कि वो गर्भवती कैसे हुई. जस्टिस वी एम कनाड़े और अनूजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार की ओर उक्त जानकारी दी गयी है.
गौरतलब है कि एक बच्चे के पास्टपोर्ट निर्माण दौरान अथॉरिटी ने बच्चे के पास्टपोर्ट पर उसके सौतेले पिता का नाम लिखने से मना कर दिया था. इस केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस कनाड़े ने पूछा, हम ये जानना चाहते हैं कि अविवाहित मां के केस में क्या होता होगा.
विदेश मंत्रालय की ओर से पूर्णिमा भाटिया ने कोर्ट में कहा कि अविवाहित मां को हलफनामा दायर करना होगा, जिसमें उसे बताना होगा कि वो गर्भवती कैसे हुई और क्या उसके साथ बलात्कार हुआ और क्यों वो बच्चे के पिता का नाम शामिल नहीं करना चाहती. पूर्णिमा ने बताया कि पासपोर्ट मैन्युअल में पूरी जानकारी दी गयी है. सरकार के इस जवाब से दोनों न्यायाधीश भी हैरान थे.
गौरतलब है कि एक 21 वर्षीय युवती ने पास्टपोर्ट के लिए जब आवेदन किया , तो उसके सौतेले पिता के नाम के कारण उसे पास्टपोर्ट नहीं दिया गया था और विकल्प के तौर पर मां के नाम को भी शामिल नहीं किया. उक्त युवती का कहना है कि उसके पिता ने उसे जन्म से पहले ही छोड़ दिया था, इसलिए वह उनके लिए कलंक के समान हैं.