अदालत ने किया दिग्विजय सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी, बाद में रद्द
नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने मानहानी के फौजदारी मामले में अदालत के समक्ष समक्ष उपस्थित होने में विफल रहने के कारण आज दिल्ली की एक अदालत ने जमानती वारंट जारी किया. लेकिन, बाद में दिग्विजय के उपस्थित हो जाने पर अदालत ने वारंट रद्द कर दिया. […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने मानहानी के फौजदारी मामले में अदालत के समक्ष समक्ष उपस्थित होने में विफल रहने के कारण आज दिल्ली की एक अदालत ने जमानती वारंट जारी किया. लेकिन, बाद में दिग्विजय के उपस्थित हो जाने पर अदालत ने वारंट रद्द कर दिया.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने सिंह के खिलाफ जमानती वारंट उस समय रद्द कर दिया जब अपराह्न तीन बजे के करीब वह अदालत में उपस्थित हुए और उनसे वारंट वापस लेने का अनुरोध किया. उन्होंने अदालत के समक्ष शपथ पत्र दिया कि वह 10 नवंबर को होने वाली सुनवाई के समय व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होंगे.
इससे पहले, दिन में दोपहर 12 बजे के करीब जब मामला सुनवाई के लिए आया तो सिंह के वकील ने अर्जी दायर करके एक दिन के लिए निजी पेशी से छूट की मांग की. गडकरी के वकीलों अजय दिग्पाल और बालेंदु शेखर द्वारा अर्जी का विरोध किये जाने पर अदालत ने उसे खारिज कर दिया और सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया.
अदालत ने केंद्रीय सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी को भी निर्देश दिया कि वह 10 नवंबर को उसके समक्ष उपस्थित हों। अदालत ने गडकरी को चेतावनी दी कि अगर वह उस दिन उपस्थित नहीं हुए तो उनकी याचिका खारिज कर दी जायेगी। गडकरी ने यह याचिका 2012 में दायर की थी.
अदालत ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता (गडकरी) को निर्देश दिया जाता है कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर उपस्थित हों। ऐसा करने में विफल रहने पर उनकी शिकायत खारिज कर दी जाएगी.’’ मानहानि का यह मामला गडकरी ने सिंह के खिलाफ तब दायर किया था जब उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष के तत्कालीन सांसद अजय संचेती से व्यापारिक संबंध हैं.