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यदि आपके पास है कालेधन की सूचना तो उसे एसआइटी से करें साझा
नयी दिल्ली : जिस किसी व्यक्ति के पास कालेधन पर विशिष्ट और स्पष्ट सूचना हो वह उसे उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मुद्दे पर गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) के साथ साझा कर सकता है, ताकि वह देश-विदेश में कालाधन छिपाने वालों पर नकेल कस सके. उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमबी शाह की अध्यक्षता […]
नयी दिल्ली : जिस किसी व्यक्ति के पास कालेधन पर विशिष्ट और स्पष्ट सूचना हो वह उसे उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मुद्दे पर गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) के साथ साझा कर सकता है, ताकि वह देश-विदेश में कालाधन छिपाने वालों पर नकेल कस सके. उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमबी शाह की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल शीघ्र ही अपना एक संवाद चैनल खोलेगा जिसके माध्यम से लोग कालेधन पर स्पष्ट और अहम सूचना एसआइटी को दे सकते हैं. इस समिति के उपाध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरिजित पसायत हैं. एसआइटी ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य अवैध कमाई और सरकारी कर की चोरी के सभी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष मामलों की पहचान करना और उन पर मुकदमा चलाना है.
न्यायमूर्ति पसायत ने पीटीआइ भाषा से कहा, ‘‘हम शीघ्र ही इस सिलसिले में एक सार्वजनिक विज्ञापन जारी करेंगे. उन्होंने कहा कि यह विज्ञापन शायद एक ही सप्ताह में जारी कर देंगे. लोग इंटरनेट के माध्यम से अपनी बात लिख कर उसे समिति की आधिकारिक इ-मेल आइडी पर भेज सकते हैं या उसे पैनल के सचिवालय को डाक के जरिए भेज सकते हैं. ’’ उन्होंने कहा कि लेकिन एसआइटी को भेजी गयी कोई भी सूचना कथित कालेधन के मामले में स्पष्ट और विशिष्ट होनी चाहिए.
न्यायमूर्ति(सेवानिवृत्त) पसायत ने कहा, ‘‘लोग नाम, पते, बैंक विवरण या कोई ऐसी अन्य अहम सूचना साझा कर सकते हैं जिसका सत्यापन हो पाए और जिस पर कार्रवाई की जा सके. सूचना मिलने के बाद पैनल की एजंेसियांे से संबंधित मामले पर जरूरत के मुताबिक गौर करने के लिए कहा जा सकता है. ’’ उन्होंने कहा कि इस कवायद का उद्देश्य लोगों को एसआइटी के करीब लाना है, जिसे बिना हिसाब किताब वाले धन की समस्या से निबटने तथा देश-विदेश में ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का अधिकार मिला है.
उन्होंने कहा कि लोग अपनी पहचान गुप्त रखते हुए विशिष्ट सूचना दे सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यदि सूचना अस्पष्ट हुई तो ऐसी सूचना पर कार्रवाई करना व्यर्थ होगा क्योंकि पैनल की एजेंसियों- चाहे वह आयकर विभाग हो या सीबीआइ या केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग, को काफी जतन करना होगा. ’’ एसआइटी उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम अनुमानित सूचना नहीं चाहते. हम देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि किसी भी प्रकार के कालेधन मामले के बारे में दी गयी सही सूचना पर कार्रवाई होगी. ’’
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