सस्ती हो सकती हैं दवाएं
इसके चलते एंटी बायटिक दवाओं की कीमतों में 50 से 60 फीसदी और कैंसर रोधी दवाओं की कीमतें 80 फीसदी तक कम हो जाएंगी. जबकि कई अन्य दवाओं की कीमतों में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है. अभी तक 200 से ज्यादा फॉर्मूलों की कीमतों की अधिकतम सीमा तय हो चुकी […]
इसके चलते एंटी बायटिक दवाओं की कीमतों में 50 से 60 फीसदी और कैंसर रोधी दवाओं की कीमतें 80 फीसदी तक कम हो जाएंगी. जबकि कई अन्य दवाओं की कीमतों में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है. अभी तक 200 से ज्यादा फॉर्मूलों की कीमतों की अधिकतम सीमा तय हो चुकी है.
सूत्रों ने बताया कि दवाओं की कीमतों में कमी अधिसूचना जारी होने के 45 दिनों के बाद लागू होगी. इस बीच दवा कंपनियां अपने मौजूदा स्टॉक को खत्म कर सकेंगी और नई पैकिंग में दामों में परिवर्तन कर सकेंगी.
फार्मा प्राइसिंग पॉलिसी के तहत अधिकतम कीमत का निर्धारण उन सभी ब्रांड की दवाओं के औसत दाम पर तय किया जाएगा, जिनकी बाजार हिस्सेदारी कम से कम एक फीसदी होती है.
नई सीमा तय होने के बाद कोई भी दवा ऐसी नहीं होगी, जिसकी कीमत इस तय सीमा से ज्यादा हो. नेशनल लिस्ट ऑफ इसेंशियल मेडिसिंस (एनएलईएम) के तहत 348 बल्क ड्रग हैं जो 650 फॉरम्यूलेशंस के रूप में बेची जाती हैं.