Loading election data...

भारतीय राजदूत ने श्रीलंका में कैद मछुआरों से की मुलाकात, रिहाई का दिया भरोसा

कोलंबो : श्रीलंका की अदालत के फैसले पर तमिलनाडु में भयंकर जनाक्रोश है जिसके चलते रामेश्वरम एवं उसके आसपास हिंसा फैल गयी थी. खबर है कि बड़ी संख्या में लोगों ने श्रीलंका की अदालत के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया. भारत इस मामले पर श्रीलंका के साथ कानूनी एवं आधिकारिक स्तरों पर गौर कर रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2014 7:23 PM

कोलंबो : श्रीलंका की अदालत के फैसले पर तमिलनाडु में भयंकर जनाक्रोश है जिसके चलते रामेश्वरम एवं उसके आसपास हिंसा फैल गयी थी. खबर है कि बड़ी संख्या में लोगों ने श्रीलंका की अदालत के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया. भारत इस मामले पर श्रीलंका के साथ कानूनी एवं आधिकारिक स्तरों पर गौर कर रहा है.

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन बताया कि भारतीय उच्चायुक्त यश सिन्हा आज सुबह कोलंबो की वेलिकाडा जेल गए और वहां अधीक्षक के कार्यालय में इन पांच मछुआरों से मिले. उन्होंने कहा कि मछुआरों का स्वास्थ्य ठीक-ठाक है. उन्होंने श्रीलंका सरकार से जेल में बंद इन भारतीय कैदियों को तमिलनाडु में अपने रिश्तेदारों को खत लिखने एवं टेलीफोन करने के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया है

अकबरुद्दीन के मुताबिक, भारत के इस अनुरोध पर जेल अधिकारी राजी हो गए हैं तथा उन्होंने कहा है कि वे अगले दो-चार दिन में इन कैदियों के अपने रिश्तेदारों से बातचीत करने के लिए टेलीफोन कॉल की व्यवस्था करवा देंगे. इसके अलावा वे अपने रिश्तेदारों को खत लिखने के लिए स्वतंत्र है.प्रवक्ता के अनुसार मछुआरों ने इस बात पर खुशी जताई कि वे उनसे व्यक्तिगत रुप से मिलने आए और इस सदाशयता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

दरअसल, मछुआरों का मुद्दा श्रीलंका एवं भारत दोनों के लिए भावनात्मक मामला है. भारत में तमिलनाडु के अन्नाद्रमुक और द्रमुक जैसे दल सरकार पर यह मामला श्रीलंका प्रशासन के साथ गंभीरता से उठाने का दबाव डालते रहते हैं. उन्होंने अक्सर श्रीलंका के शीर्ष अधिकारियों की भारत यात्र का विरोध भी किया है.श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त ने मछुआरों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.
गौरतलब है कि श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त ने आज उन पांच भारतीय मछुआरों से भेंट की जिन्हें यहां की एक अदालत ने कथित मादक पदार्थ तस्करी के मामले में मृत्युदंड सुनाया है. उच्चायुक्त ने उन्हें उनकी रिहाई एवं स्वदेश वापसी में भारत सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.
उन्होंने उनका हालचाल पूछा तथा उन्हें कुछ कपड़े, तेल ,साबुन, टूथपेस्ट आदि दिए. अकबरुद्दीन ने कहा, कि भारत सरकार की तरफ से सभी कैदियों को पूर्ण समर्थन एवं सहयोग का आश्वासन दिया गया है साथ ही भारतीय उच्चायुक्त की तरफ से उन्हें यह आश्वासन भी दिया गया है कि सरकार उनकी शीघ्र रिहाई एवं भारत वापसी के लिए सभी प्रयास करेगी.
सजा के इस मामले में, तमिलनाडु के पांच मछुआरों – इमर्सन, पी ऑगस्टस, आर विल्सन, के. प्रसाथ और जे लांगलेट को 2011 में पकड लिया गया था और 30 अक्तूबर, 2014 को कोलंबो हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी के कथित आरोप में मृत्युदंड सुनाया था.

Next Article

Exit mobile version