शिवसेना का BJP पर हमला जारी, शनिवार तक का दिया समय

मुंबई : महाराष्‍ट्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद फिर से शिवसेना ने वार करना शुरू कर दिया है. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि उद्धव ठाकरे भाजपा को कुछ शर्तों पर समर्थन देना चाहते हैं. उनकी पार्टी सरकार में उपमुख्‍यमंत्री का पद चाहती है. शिवसेना लगातार भाजपा को चेतावनी दे रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2014 12:55 PM

मुंबई : महाराष्‍ट्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद फिर से शिवसेना ने वार करना शुरू कर दिया है. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि उद्धव ठाकरे भाजपा को कुछ शर्तों पर समर्थन देना चाहते हैं. उनकी पार्टी सरकार में उपमुख्‍यमंत्री का पद चाहती है. शिवसेना लगातार भाजपा को चेतावनी दे रही है कि या तो वे उनकी मांगे माने नहीं तो शिवसेना विपक्ष में बैठेगी.

शिवसेना ने भाजपा को शनिवार तक का समय दिया है. खबर आयी है कि भाजपा शिवसेना को 4 कैबिनेट मंत्री और चार राज्‍यमंत्री का पद देने के लिए तैयर है, लेकिन शिवसेना उपमुख्‍यमंत्री के पद पर अड़ा हुआ है. जानकारों का कहना है कि अगर शिवसेना ने सरकार में शामिल होने का फैसला जल्‍द नहीं किया तो उसे विपक्ष की कुर्सी से भी हाथ धोना पड़ सकता है.

इन सब के बीच शिवसेना में पार्टी के अंदर ही विवाद की बाते भी सामने आ रही हैं. सूत्रों ने बताया कि पार्टी का एक पक्ष भाजपा के साथ सरकार में शामिल होना चाहता है जब कि एक कुनबा विपक्ष में बैठने को तैयार है. देवेंद्र फडणवीस के शपथग्रहण समारोह में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के शामिल होने के बाद अटकले तेज हो गयी थी कि दोनों पार्टियां एक साथ मिल जायेंगी.

बाद में कहा जाने लगा कि मतभेद सुलझाने के लिए विचार-विमर्श की प्रक्रिया जारी है. लेकिन शिवसेना अभी भी भाजपा पर हमला करने का कोई मौका चुक नहीं रहा है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में विदर्भ के मुद्दे पर सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा गया है.

लेख में कहा गया विदर्भ के मुद्दे पर सीएम का बयान केसर वाले दूध में नमक डालने जैसा है. सीएम विदर्भ के मुद्दे को टाल सकते तो बेहतर होता. सीएम विदर्भ के विकास और निधि के बारे में बोले तो कोई बात नहीं थी लेकिन विदर्भ की जनता ने बीजेपी को जनादेश विदर्भ को महाराष्ट्र से अलग करने के लिए नहीं दिया है. नागपुर में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि विदर्भ उचित समय पर अलग होगा. उनके इसी बयान पर सामना से जवाब दिया गया है.

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