राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों की तारीफ की
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज विश्वास व्यक्त किया कि सरकार की नीतिगत पहल से देश की अर्थव्यवस्था जल्द ही सात से आठ प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर पहुंच जायेगी. मुखर्जी ने आज यहां केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के मंच स्कोप के पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘निवेश में फिर तेजी लाने, […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज विश्वास व्यक्त किया कि सरकार की नीतिगत पहल से देश की अर्थव्यवस्था जल्द ही सात से आठ प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर पहुंच जायेगी. मुखर्जी ने आज यहां केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के मंच स्कोप के पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘निवेश में फिर तेजी लाने, वृहद आर्थिक स्थायित्व को मजबूत करने और ढांचागत सुविधाओं को उन्नत बनाने के लिए उठाये जा रहे कदमों से निश्चित ही भारत एक बार फिर सात से आठ प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि के दायरे में पहुंच जायेगा.’’
राष्ट्रपति ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच जाने के साथ ही अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई देने लगे हैं. राष्ट्रपति के ये बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे लंबे समय तक देश के वित्तमंत्री रहा है और भारतीय अर्थव्यवस्था की उन्हें गहरी समझ है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज यहां विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में सार्वजनिक उद्यमों की स्थायी सभा के श्रेष्ठता पुरस्कार प्रदान किये जाने के मौके पर संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत आज बदलाव के मुहाने पर खडा है, मुङो पूरा विश्वास है कि अगले दो दशक के दौरान भारत विकसित देशों की कतार में शामिल हो जायेगा.’’ प्रणब ने इस बारे में भी उम्मीद जताई कि सरकार के विभिन्न नीतिगत उपायों से मुद्रास्फीति को पांच प्रतिशत से नीचे सीमित कर लिया जायेगा.
राष्ट्रपति मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इस अभियान को वास्तविकता में बदलने में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की बडी भूमिका है.’’ मेक इन इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केंद्र के तौर पर स्थापित करना है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें न केवल अपनी भारी घरेलू मांग को पूरा करने के बारे में सोचना है बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का विकास करना है, ताकि विदेशी बाजारों तक हमारी बेहतर पैठ बन सके. इससे हमारे युवाओं को रोजगार मिलने के साथ साथ रहन सहन का स्तर भी उंचा उठेगा.’’ राष्ट्रपति ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को सार्वजनिक संपत्ति का संरक्षक बताते हुए कहा कि कारपोरेट संचालन और पारदर्शिता के उच्च मानदंडों का लगातार अनुपालन अनिवार्य तौर पर सुनिश्चित किया जाना चाहिये.
इस अवसर पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड, हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड :एचएएल:, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड और इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड को स्कोप प्रशंसा पुरस्कार 2012-13 से सम्मानित किया गया.