सुनीता नारायण ने कहा, टीम चुनना मोदी का विशेषाधिकार

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जलवायु परिवर्तन संबंधी उच्च स्तरीय सलाहकार समूह से हटाये जाने के एक दिन बाद प्रमुख पर्यावरणविद् सुनीता नारायण ने आज इस घटनाक्रम को तवज्जो न देते हुए कहा कि परिषद की अपनी टीम को चुनने का यह उनका विशेषाधिकार है.सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट (सीएसई) की महानिदेशक ने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2014 4:52 PM

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जलवायु परिवर्तन संबंधी उच्च स्तरीय सलाहकार समूह से हटाये जाने के एक दिन बाद प्रमुख पर्यावरणविद् सुनीता नारायण ने आज इस घटनाक्रम को तवज्जो न देते हुए कहा कि परिषद की अपनी टीम को चुनने का यह उनका विशेषाधिकार है.सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट (सीएसई) की महानिदेशक ने कहा कि वह और वैज्ञानिकों का उनका दल जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर काम करता रहेगा.

नारायण ने कहा, ‘‘ उन्होंने (प्रधानमंत्री) हमें नियुक्त .. मुझे नियुक्त न करना पसंद किया. यह पूरी तरह से उनका विशेषाधिकार है. हम जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर काम करते रहेंगे. हम अपनी राय रखते रहेंगे.’’ जलवायु परिवर्तन पर सीएसई की वार्षिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान सवालों पर प्रतिक्रिया जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मेरी तरफ से, मुझेकोई फर्क नहीं दिखता. जब मैं परिषद के अंदर थी, मैं परिषद के बाहर भी थी. चूंकि जो कुछ मैं परिषद के अंदर कहती हूं वह मैं परिषद के बाहर भी कहती हूं.’’ सुनीता नारायण ने कहा कि अगले महीने पेरु में होने वाली जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण बैठक को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री की परिषद को पुनर्गठित किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक पसंद है जो किया गया है. यह एक विवेकपूर्ण पसंद है जो उन्होंने किया है. हम पहले ही इसका स्वागत कर चुके हैं. लेकिन मैं आपसे यह कह रही हूं. मैं बहुत ही स्पष्ट हूं. हमारे लिए कोई फर्क नहीं है.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल जलवायु परिवर्तन संबंधी उच्च स्तरीय परामर्श समूह का पुनर्गठन किया. सरकार ने टेरी के अध्यक्ष आरके पचौरी, नितिन देसाई और सेवानिवृत्त राजनयिक चंद्रशेखर दासगुप्ता को 18 सदस्यीय परिषद के गैर सरकारी सदस्यों के रुप में बनाए रखा, जबकि सुनीता नारायण और उद्योगपति रतन टाटा को हटा दिया.

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