चव्हाण ने कहा, नहीं बनना चाहता विधायक दल का नेता
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में अब विधायक दल के नेता पर माथापच्ची शुरू हो गयी है. कई कांग्रेस दबी जुबां में इस पद को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र कांग्रेस में अपने विरोधियों के निशाने पर आए पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आज कहा […]
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में अब विधायक दल के नेता पर माथापच्ची शुरू हो गयी है. कई कांग्रेस दबी जुबां में इस पद को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र कांग्रेस में अपने विरोधियों के निशाने पर आए पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आज कहा कि वह कांग्रेस विधायक दल के नेता पद की दौड में नहीं हैं.
नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों द्वारा विधायक दल का नेता चुनने के लिए आयोजित बैठक से पहले चव्हाण ने कहा, ‘‘मैंने पार्टी से कहा है कि मुङो कोई जिम्मेदारी न दे.’’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खडगे और पार्टी के महाराष्ट्र प्रभारी मोहन प्रकाश केंद्रीय पर्यवेक्षकों के तौर पर बैठक में मौजूद हैं.
बैठक से पहले पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में चव्हाण ने कहा ‘‘पिछले 15 सालों में मैंने पार्टी में कई जिम्मेदारियां संभाली हैं और अब मुझे मेरा क्षेत्र वापस मिल गया है. मैं लोगों से मिलने जुलने में वक्त बिताना चाहता हूं. अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए काम करना चाहता हूं.’’ चव्हाण ने कराड दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता है. यह विधानसभा क्षेत्र कराड लोकसभा सीट का हिस्सा है. चव्हाण ने 1991, 1996 और 1998 में इस लोकसभा क्षेत्र की नुमाइंदगी की है. चव्हाण के माता-पिता भी कई बार कराड सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह जम्मू-कश्मीर एवं झारखंड विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे, इस पर चव्हाण ने स्पष्ट किया, ‘‘मैंने पार्टी से कहा है कि वह न तो मुङो उन राज्यों में और न ही यहां कोई जिम्मेदारी दे.’’
कांग्रेस को महाराष्ट्र विधानसभा के हाल ही में हुए चुनावों में महज 42 सीटें हासिल हुई जो 1960 में राज्य की स्थापना के बाद सबसे खराब प्रदर्शन है. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. प्रदेश कांग्रेस में चव्हाण के प्रतिद्वंदियों ने कल कहा था कि वह उन्हें कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त करने का विरोध करेंगे.पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के करीबी और मराठवाडा से विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा था, ‘‘पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व में कांग्रेस ने लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बहुत खराब प्रदर्शन किया.
यदि उन्हें कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया जाता है तो यह उचित नहीं होगा.’’ इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख नारायण राणो ने पूर्व मुख्यमंत्री पर परोक्ष रुप से निशाना साधते हुए कहा था कि कई उम्मीदवारों को चुनाव लडने के लिए धन मुहैया नहीं कराया गया और पार्टी के कुछ नेताओं ने तो वोटिंग से पहले ही हार मान ली थी.