दिल्ली में भाजपा ने खुद कराया सर्वे और ले लिया बहुमत
नयी दिल्ली : जनवरी या फरवरी में दिल्ली में होने वाले विस चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी. ऐसा मानना है भाजपा का. भाजपा ने आंदरुनी सर्वे कराया, जिसमें भाजपा को दिल्ली में बहुमत मिलती दिख रही है. वहीं भाजपा ने दावा किया है कि उनके सर्वे के […]
नयी दिल्ली : जनवरी या फरवरी में दिल्ली में होने वाले विस चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी. ऐसा मानना है भाजपा का. भाजपा ने आंदरुनी सर्वे कराया, जिसमें भाजपा को दिल्ली में बहुमत मिलती दिख रही है. वहीं भाजपा ने दावा किया है कि उनके सर्वे के हिसाब से आम आदमी पार्टी को भारी नुकसान होता दिखाया जा रहा है.
सर्वे के हिसाब से बताया जा रहा है दिल्ली में केजरीवाल की पार्टी को 15 से 19 सीटें ही मिलेंगी. वहीं कांग्रेस को 7 से 11 सीटें मिलेंगी. सर्वे में भाजपा को बहुमत से ज्यादा 43-48 सीटें मिलने की उम्मीद जतायी गयी है.
सर्वे की मानें तो इस बार छठ पर छुट्टी घोषित होने का पार्टी को फायदा मिलेगा. सर्वे में बीजेपी की बढ़त का सबसे बड़ा कारण राजधानी में महंगाई में कमी को बताया गया है. कहा गया है कि सब्जियों के दाम पहले के मुकाबले कम हुए हैं, इससे महिला वोटरों का झुकाव बढ़ा है.
भाजपा ने कहा कि आयकर में राहत, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में भारी गिरावट का असर चुनाव पर पड़ेगा और इसका फायदा पार्टी को मिलेगा. शेयर बाजार में बेहतरीन उछाल को भी बीजेपी के पक्ष में ही आंका जा रहा है. भाजपा ने बताया कि युवा वोटरों को पीएम मोदी का हर अभियान काफी पसंद है.
दिल्ली में भी भाजपा युवा वोटरों को टारगेट कर सकती है. सर्वे के हिसाब से बीजेपी को 41 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है. यह पिछली बार से 8 फीसदी ज्यादा हैं. आप को 32 फीसदी (2.5+) और कांग्रेस को 23 फीसदी (-1.6) वोट प्रतिशत दिखाया गया है.
सर्वे में बीजेपी को 53 फीसदी युवाओं का साथ मिलने का अनुमान दिखाया गया है. सर्वे के आधार पर भाजपा को नजफगढ़, पालम, द्वारका, बिजवासन और गोकलपुर में नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसके अलावे भाजपा नयी दिल्ली, रोहिणी, शकूर बस्ती, शालीमार बाग, मॉडल टाउन, सदर, बल्लीमारान, ग्रेटर कैलाश, मालवीय नगर, कस्तूरबा नगर, संगम विहार, अंबेडकर नगर, देवली, लक्ष्मी नगर, त्रिलोकपुरी, दिल्ली कैंट, हरि नगर, पटेल नगर और तिलक नगर की सीटों पर खुद को आगे पा रही है.
कम अंतर से हारे उम्मीदवारों को फिर से टिकट देगी भाजपा
दिल्ली विधानसभा के पिछले चुनाव में भाजपा के जिन उम्मीदवारों ने कम अंतर से हार का सामना किया था, पार्टी उन्हें नए सिरे से होने जा रहे चुनावों के लिए टिकट दे सकती है. दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा, दिल्ली विधानसभा के आगामी चुनाव के लिए टिकट बांटने के बारे में भाजपा ने अभी कोई फैसला नहीं किया है.
हालांकि, जो पार्टी उम्मीदवार बहुत कम अंतर से हारे हैं, टिकट वितरण में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी. दिसंबर 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई उम्मीदवार आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों से काफी कम अंतर से हारे थे. पार्टी के अनुसार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के खिलाफ वह युवा और अनुभवी व्यक्तियों को मैदान में उतारेगी.
उपाध्याय ने कहा, यूं तो पार्टी में टिकट पाने के पात्र बहुत व्यक्ति हैं, लेकिन हमें अभी इस संबंध में निर्णय करना है. पिछले साल 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा 31 सीट के साथ सबसे बडी पार्टी के रुप में उभरी थी लेकिन बहुमत से चार सीट पीछे रह गई थी.
नडड ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने संकल्प लिया है कि सदस्यता अभियान एक जन आंदोलन बनेगा और भाजपा सबसे बडी पार्टी के रुप में उभरकर सामने आयेगी. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी मोबाइल नम्बर पर सदस्यता ली. पार्टी के राज्य प्रभारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से देश के हालात तेजी से बदल रहें हैं.