राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के लिए सबसे यादगार रहा भूटान दौरा

थिम्पू : राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का दो दिनों का भूटान दौरा आज पूरा हो गया. राष्ट्रपति ने भूटान की उनकी इस राजकीय यात्रा को बहुत सफल और उनका सबसे यादगार दौरा बताते हुए आशा जतायी कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते निरंतर मजबूत होते रहेंगे. मुखर्जी ने कहा कि मैं खुशियों के स्थल भूटान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2014 6:38 PM

थिम्पू : राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का दो दिनों का भूटान दौरा आज पूरा हो गया. राष्ट्रपति ने भूटान की उनकी इस राजकीय यात्रा को बहुत सफल और उनका सबसे यादगार दौरा बताते हुए आशा जतायी कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते निरंतर मजबूत होते रहेंगे.

मुखर्जी ने कहा कि मैं खुशियों के स्थल भूटान में आकर हर्षित हुआ. मैंने विभिन्न पदों पर रहते हुए कई बार भूटान की यात्र की और इस सुंदर देश के साथ मेरा जुड़ाव 80 के दशक से है, जब मैंने अपना सार्वजनिक जीवन शुरु किया था. इन बीते दशकों में, मैंने हमेशा दोनों देशों के बीच ज्यादा मजबूत, दृढ रिश्तों के लिए काम किया. मैं भूटान का मित्र होकर गौरवान्वित हूं.
राष्ट्रपति मुखर्जी के इस देश का दो दिवसीय दौरा पूरा करने के बाद स्वदेश लौटते वक्त पारो हवाई अड्डे पर भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नांगयेल वांगचुक और उनकी पत्नी ने उन्हें भावपूर्ण विदाई दी.
गौरतलब है कि किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष द्वारा 26 वर्ष में भूटान की यह पहली यात्र है.उन्होंने कहा कि मैं यहां मिले गर्मजोशी के स्वागत से अभीभूत हूं और मेरे आगमन पर पूरे भूटान में उत्सव जैसा माहौल देखकर खुश हूं. मैं अपनी सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण के साथ अपने लोगों के जीने की गुणवत्ता सुधारने में भूटान की शानदार प्रगति से प्रभावित हूं.
मुखर्जी ने कहा कि मेरी यात्रा का मुख्य उददेश्य हमारे बहुमुखी रिश्तों को मजबूत करना है. हमारे लंबे ऐतिहासिक एवं सभ्यता से जुडे संबंधों को ध्यान में रखते हुए और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क मजबूत करते हुए. हमारे बेहद करीबी संबंध साझा मूल्यों के साथ-साथ समान हितों तथा उददेश्यों पर आधारित हैं.

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