शिवसेना ने किया विपक्ष में बैठने का फैसला, शिंदे को चुना विपक्ष का नेता
मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना और बीजेपी के फिर से साथ आने को लेकर हो रही अटकलों ने आज अलग रुख अख्तियार कर लिया है. मुंबई से आ रही खबरों के मुताबिक ऐसा लग रहा है कि शिवसेना ने भाजपा के साथ आने की बजाय विपक्ष में बैठना तय कर लिया है. पार्टी […]
मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना और बीजेपी के फिर से साथ आने को लेकर हो रही अटकलों ने आज अलग रुख अख्तियार कर लिया है. मुंबई से आ रही खबरों के मुताबिक ऐसा लग रहा है कि शिवसेना ने भाजपा के साथ आने की बजाय विपक्ष में बैठना तय कर लिया है. पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे पहले से ही भाजपा नेत्तृव से खफा चल रहे थे.
ऐसे में अब ये खबर सामने आयी है कि शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा में अपने सदस्य एकनाथ शिंदे के लिए विपक्ष के नेता का पद मांगा है. पार्टी ने इसके लिए विधानसभा सचिवालय को चिट्ठी लिखकर सूचित किया है कि शिवसेना सदन में विपक्षी पार्टी के रूप में बैठेगी और उसकी तरफ से एकनाथ शिंदे विपक्ष के नेता होंगे.
शिवसेना नेता नीलम गोर्खे ने कहा कि हमने विधानसभा सचिव से हमारे नेता को विपक्ष के नेता का पद प्रदान करने के लिए कहा है.
बीजेपी के साथ मंत्री पद के बंटवारे को लेकर कुछ हफ्तों से जारी खींचतान के दौरान ये खबर सामने आई कि जल्द ही शिवसेना और भाजपा के बीच सब कुछ सामान्य हो जायेगा. लेकिन दिन बीतते रहे फिर भी कोई समाधान सामने नज़र नहीं आया.
कल रविवार को ही उद्धव ठाकरे ने ये कहा था कि बीजेपी अगर महाराष्ट्र में एनसीपी का समर्थन लेती है तो शिवसेना विपक्ष में बैठेगी. शिवसेना का यह फैसला ऐसे वक्त में सामने आया है जब राज्य के नए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस विधानसभा के विशेष सत्र में अपना विश्वास मत हासिल करने वाले हैं.
वैसे, इस बात की भी संभावना है कि शायद अपने इस कदम से शिवसेना बीजेपी को यह सन्देश देना चाहती है कि अगर भाजपा नेत्तृत्व ने सेना को कमतर आंका तो शिवसेना भी अपना दांव खेलने को तैयार है.