रायपुर : छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में कथित रुप से नसबंदी के बाद आठ महिलाओं की मौत हो गई है. मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.राज्य के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस मौत की घटना के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में स्वास्थ्य विभाग के चार अधिकारियों को निलम्बित कर दिया है. चारों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी.
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने परिवार कल्याण कार्यक्रम के राज्य समन्वयक डाक्टर के.सी. ओराम, बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर एस.सी. भांगे, तखतपुर के खंड चिकित्सा अधिकारी डाक्टर प्रमोद तिवारी और एक सरकारी सर्जन डाक्टर आर.के. गुप्ता को निलंबित कर दिया है. राज्य शासन को जानकारी मिली है कि ऑपरेशन डाक्टर गुप्ता ने किया था. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निलम्बन की कार्रवाई के साथ-साथ चारों अधिकारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह आज सुबह मुख्य सचिव विवेक ढांड के साथ बिलासपुर पहुंचे. उन्होंने वहां जिला मुख्यालय बिलासपुर का दौरा किया. सिंह ने अपोलो अस्पताल सहित छत्तीसगढ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) से सम्बद्घ शासकीय जिला अस्पताल जाकर उन महिलाओं से मुलाकात की, जिन्हें तखतपुर विकासखंड के पेण्डारी गांव में शनिवार को आयोजित शिविर में नसबंदी के दौरान गंभीर स्वास्थ्यगत कारणों से बिलासपुर के इन अस्पतालों में भर्ती किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इन महिलाओं के परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि बीमार महिलाओं का बेहतर से बेहतर इलाज राज्य शासन द्वारा करवाया जा रहा है. सिंह ने अस्पतालों के चिकित्सकों को इन महिलाओं के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि यह गंभीर और दुखद घटना है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य शासन ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच शुरु कर दी है. जांच में दोषी पाए गए किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा. दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
रमन सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक मृतक महिला के परिवार के लिए चार लाख रुपए की सहायता देने का निर्णय लिया है. गंभीर रुप से मरीजों को नि:शुल्क इलाज के साथ-साथ प्रति मरीज 50-50 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में भर्ती महिलाओं का स्वास्थ्य अब पहले से बेहतर है और सुधार पर है. उन्होंने कहा कि नसंबदी कार्यक्रम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम हैं. ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में नसबंदी शिविर आयोजन में और भी ज्यादा सावधानी बरतने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. ऐसी घटना दोबारा न होने पाए, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के राजधानी से लेकर विकासखंड स्तर तक के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को सचेत किया गया है.
राज्य के बिलासपुर जिले में शनिवार को शहर से लगे सकरी :पेंडारी: गांव के एक निजी अस्पताल में शासकीय परिवार कल्याण स्वास्थ्य शिविर में 83 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन किया गया था. नसंबदी के बाद 50 से ज्यादा महिलाओं की तबीयत बिगड गई तथा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. अभी तक इस घटना में आठ महिलाओं की मौत हुई है.