ईश्वर के एजेंट हैं डॉक्टर, उन्हें हड़ताल नहीं करनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली: एक गैर सरकारी संगठन पीपुल्स फॉर बेटर ट्रीटमेंट की जनहित याचिका पर आज सुनवायी करते हुए उच्चतम न्यायालय ने डाक्टरों को हड़ताल करने से रोकने का आदेश देने से इंकार कर दिया लेकिन कोर्ट ने यह जरुर कहा कि जीवन रक्षक होने के कारण डॉक्टरों को ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे मरीजों […]
नयी दिल्ली: एक गैर सरकारी संगठन पीपुल्स फॉर बेटर ट्रीटमेंट की जनहित याचिका पर आज सुनवायी करते हुए उच्चतम न्यायालय ने डाक्टरों को हड़ताल करने से रोकने का आदेश देने से इंकार कर दिया लेकिन कोर्ट ने यह जरुर कहा कि जीवन रक्षक होने के कारण डॉक्टरों को ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ जाये.
दरअसल, इस याचिका में कहा गया था कि चिकित्सकों को हड़ताल करके बीमार नागरिकों का इलाज करने से इंकार करने का कोई नैतिक या कानूनी अधिकार नहीं है.
प्रधान न्यायाधीश एच.एल. दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि यह जानते हुये भी हमारे आदेश को लागू करना मुश्किल होगा, इस मामले पर हम अपनी इच्छा व्यक्त कर सकते हैं. ईश्वर के एजेन्ट होने के कारण डॉक्टरों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर इसके आगे निर्देश नहीं दिये जा सकते हैं.
न्यायालय ने याचिकाकर्ता की इस बात पर सहमति व्यक्त की लेकिन कहा कि चिकित्सकों को हडताल पर जाने से रोकने का निर्देश नहीं दिया जा सकता.इस संगठन का कहना था कि अधिकांश पेशे में कर्मचारियों का लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण हड़ताल करना बुनियादी अधिकार है लेकिन महत्वपूर्ण जनसेवाओं के कार्यो से जुड़े व्यक्ति हड़ताल करके समूचे समाज को बंधक नहीं बना सकते हैं.