भोपाल : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह जहां कांग्रेस में शामिल होकर इस साल के अंत में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कूदने की तैयारी कर रहे है, वहीं प्रदेश के दो अन्य हाई प्रोफाइल नेताओं के पुत्रों ने आम जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर राजनीति का स्वाद चखने के संकेत दे दिए हैं.
कांग्रेस में लगभग तय हो चुका है कि दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह अपने पिता की परंपरागत राघौगढ़ विधानसभा सीट से इस साल नवंबर में होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं, उन्होंने हाल ही में राघौगढ़ ब्लाक कांग्रेस के एक समारोह में सिंह की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान अपने पिता के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बुदनी में आम जनता के बीच जाकर अठारह साल की उम्र पूरी कर चुके नए मतदाताओं को जागृत करने के काम में जुटे हुए हैं, लेकिन उनके बारे में अभी तय नहीं है कि वह राजनीति में उतरकर चुनाव लड़ेंगे अथवा नहीं. कार्तिकेय ने भी अभी-अभी अठारह साल की उम्र पूरी की है.
केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महानआर्यमन सिंधिया के बारे में भी अनिश्चितता का माहौल है कि वह राजनीति में आएंगे अथवा नहीं, हालाकि क्षेत्र में उनकी उपस्थिति भी उल्लेखनीय तौर पर देखी जा रही है. बुदनी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मुख्यमंत्री चौहान के पुत्र कार्तिकेय की सभाओं में मौजूद रहे राज्य वन विकास निगम अध्यक्ष गुरुप्रसाद शर्मा ने से कहा कि कार्तिकेय अपनी सभाओं में नये मतदाताओं को वोट की कीमत समझाने के साथ ही स्वामी विवेकानंद एवं जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का संदेश पहुंचा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि किसी मंजे हुए राजनेता की तरह कार्तिकेय ने इन सभाओं में कांग्रेस का नाम लिए बिना नए मतदाताओं को वोट की कीमत समझाते हुए कहा कि उनका एक गलत वोट देश की विकास दर को पांच प्रतिशत तक कम कर देता है. एक गलत वोट से डीजल, कैरोसिन की कीमत 19 से 50 तथा पेट्रोल की कीमत 25 से 80 रुपये हो जाती है.
शर्मा ने कहा कि जनजागरण कार्यक्रम के तहत कार्तिकेय ने इस माह नसरुल्लागंज तहसील में 15 से 20 गांव तथा बुदनी तहसील में भी लगभग इतने ही गांवों में जनसंपर्क किया है. ये दोनों तहसील चौहान के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में हैं. हालांकि मुख्यमंत्री चौहान इस बारे में स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके पुत्र कार्तिकेय राजनीति में नहीं आ रहे हैं.