माछिल एनकाउंटर : तीन बेगुनाह की हत्या के आरोप में सात सैन्यकर्मी को उम्रकैद

जम्मू कश्मीर के माछिल में चार साल पहले हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में सेना के दो अधिकारियों समेत सात जवानों का आज कोर्ट मार्शल कर दिया गया.फर्जी एकनाउंटर के आरोप सभी सैन्यकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनवायी गयी है. ये सभी फर्जी इनकाउंटर में तीन नागरिकों की हत्या करने के दोषी पाये गये हैं. साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2014 12:52 PM
जम्मू कश्मीर के माछिल में चार साल पहले हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में सेना के दो अधिकारियों समेत सात जवानों का आज कोर्ट मार्शल कर दिया गया.फर्जी एकनाउंटर के आरोप सभी सैन्यकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनवायी गयी है. ये सभी फर्जी इनकाउंटर में तीन नागरिकों की हत्या करने के दोषी पाये गये हैं. साल 2010 में सैन्य अधिकारियों ने तीन नागरिकों की हत्या को मुठभेड दिखा कर पाकिस्तानी आतंकवादियों को मारने का दावा किया था.
कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया इसी साल जनवरी में आरंभ हुई. सजा के तौर पर सभी सात दोषियों को नौकरी से मिलने वाले फायदों से भी वंचित कर दिया गया है. जनरल कोर्ट मार्शल में चार राजपूत रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल डीके पठानिया, कैप्टन उपेंद्र सिंह, सूबेदार सतबीर सिंह, हवलदार बीर सिंह, सिपाही चंद्रभान, सिपाही नागेंद्र सिंह और सिपाही नरेंद्र सिंह को आम नागरिक शहजाद अहमद, रियाज अहमद और मोहम्मद शफी की हत्या का दोषी पाया गया है. 2010 के इस फर्जी एनकाउंटर से कश्मीर में बडे पैमाने पर आम लोग आंदोलित हो गये थे और इसमें 123 लोगों की मौत भी हो गयी थी.
दरअसल, अप्रैल 2010 में सेना के उक्त अधिकारियों ने माछिल सेक्टर में तीन नागरिकों को पाकिस्तानी आतंकवादी व घुसपैठिया समझ कर मार दिया था. ये तीनों बारामुला जिले नदीहाल कस्बे के निवासी थे. सेना के सात अधिकारियों व जवानों पर आरोप था कि इन तीनों को सीमा के इलाके में ले जा कर गोली मार दी गयी. बाद में परिजनों की शिकायत पर गिरफ्तारी शुरू हुई.

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