भविष्य संवारने के लिए शिक्षा को फिर परिभाषित करने की जरूरतः ईरानी

नयी दिल्ली: भारत के भविष्य को सुधारने के लिए राजग सरकार ने प्रयास शुरू कर दिये हैं. भविष्य में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा संचालन से जुडी नियामक इकाइयों में सुधार करना शुरु किया गया है. इस विषय पर विस्तार से बात करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2014 5:12 PM

नयी दिल्ली: भारत के भविष्य को सुधारने के लिए राजग सरकार ने प्रयास शुरू कर दिये हैं. भविष्य में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा संचालन से जुडी नियामक इकाइयों में सुधार करना शुरु किया गया है.

इस विषय पर विस्तार से बात करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘‘यूजीसी, एआईसीटीई हो या फिर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद, आप सभी के साथ विचार साझा करने में मुझे प्रसन्नता हो रही है कि भारत के भविष्य को संवारने के लिए हमें शिक्षा को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी नियामक इकाइयों की समीक्षा की है, ताकि हम भविष्य की रुपरेखा तैयार कर सकें, जो न सिर्फ अपने आप में परिपूर्ण हो, बल्कि भविष्य की जरुरतों को भी पूरा करती हो.’’ईरानी ने यहां फिक्की उच्च शिक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह मानव संसाधन विकास मंत्री के रुप में शिक्षा क्षेत्र में सुधार की पहल के जरिए ‘‘भारत के भाग्य को फिर से संवारना चाहती हैं.’’ उनकी टिप्पणी ऐसे समय आई है जब उनका मंत्रालय यूजीसी, एआईसीटीई और एनसीटीई के कामकाज की समीक्षा के लिए अलग से समितियां बना रहा है.
ईरानी ने कहा, ‘‘बहुत से लोग हैं जो भारत में शिक्षा को एक चुनौती के रुप में देखते हैं. मैं इस अवसर का इस्तेमाल भारत के भाग्य को फिर से संवारने के लिए करना चाहती हूं. बहुत सी टिप्पणियां हैं..बहुत से लोग सुधार की आवश्यकता को लेकर अपनी व्यथा व्यक्त कर रहे हैं.’’
उन्होंने साउथ कैरोलिना की गवर्नर निक्की रंधावा हेली और ब्रिटेन के विश्वविद्यालय मामलों के राज्यमंत्री ग्रेक क्लार्क सहित विभिन्न हस्तियों की मौजूदगी में कहा, ‘‘मैं आपके साथ यह विचार साझा करने में प्रसन्नता महसूस करती हूं कि महज पिछले छह महीनों में उन चुनौतियों को समझने के साथ यह देखने के लिए कई पहल शुरु की गई हैं कि नियामकों के कामकाज में सुधार किस तरह लाया जा सकता है.’’मानव संसाधन विकास मंत्रलय देश में उच्च शिक्षा को संचालित करने वाली यूजीसी के पुनर्निर्माण के लिए पहले ही एक समिति स्थापित कर चुका है.
एआईसीटीई पुनर्निर्माण समिति, एआईसीटीई के अनुदान वितरण कार्य को दुरुस्त करने की प्रक्रिया को देखेगी, ताकि तकनीकी शिक्षा में अनुसंधान की गुणवत्ता बढाने के लिए कोष का समय पर इस्तेमाल हो सके और समय पर कदम उठाए जा सकें.

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