नसबंदी मामला : मुख्यमंत्री ने दिया न्यायिक जांच का आदेश
बिलासपुर: छत्तीसगढ सरकार द्वारा संचालित चिकित्सा शिविर में नसबंदी सर्जरी में उत्पन्न जटिलताओं के कारण 13 महिलाओं की जान जाने के बाद आलोचना के घेरे में आये मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज घटनाओं की न्यायिक जांच का आदेश दिया. राज्य के बिलासपुर जिले के सकरी (पेंडारी) गांव में बीते शनिवार को एक निजी अस्पताल में […]
बिलासपुर: छत्तीसगढ सरकार द्वारा संचालित चिकित्सा शिविर में नसबंदी सर्जरी में उत्पन्न जटिलताओं के कारण 13 महिलाओं की जान जाने के बाद आलोचना के घेरे में आये मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आज घटनाओं की न्यायिक जांच का आदेश दिया.
राज्य के बिलासपुर जिले के सकरी (पेंडारी) गांव में बीते शनिवार को एक निजी अस्पताल में शासकीय परिवार कल्याण स्वास्थ्य शिविर में कुछ घंटों के भीतर 83 महिलाओं का नसंबदी आपरेशन किया गया था. इन आपरेशन को करने वाले सर्जन को गिरफ्तार किया गया है. राज्य के खाद्य एवं दवा प्रशासन अधिकारियों ने उस निर्माण इकाई को सील कर दिया है जिसने पीडितों को दी गयी घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं की कथित रुप से आपूर्ति की थी.
मुख्यमंत्री सिंह ने छत्तीसगढ आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान :सीआईएमएस: में संवाददाताओं से कहा, ‘‘घटनाओं की न्यायिक जांच करवायी जायेगी और दोषी पाये गये लोगों को बख्शा नहीं जायेगा. चाहे वह दवा निर्माता, वितरक हो या चिकित्सक, कठोर कार्रवाई की जायेगी.’’
दवा कंपनी सील
राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के नियंत्रक रवि प्रकाश गुप्ता ने आज बताया कि विभाग ने रायपुर स्थित महावर फार्मा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दफ्तर को सील कर दिया है.गुप्ता ने बताया कि इस कंपनी में एंटीबायोटिक सिप्रोक्सिन 500 का निर्माण किया जाता है. बिलासपुर जिले में जिन 13 महिलाओं की मौत हुई तथा कई अन्य बीमार हुई हैं उन्हें नसंबदी के बाद एंटीबायोटिक सिप्रोक्सिन 500 दिया गया था.
उन्होंने बताया कि राज्य के औषधि प्रशासन विभाग ने आज सुबह महावर की दवा कंपनी में छापा मारा और वहां से दवाई के कुछ नमूने एकत्र किए. बाद में कंपनी को सील कर दिया. नमूनों को जांच के लिए कलकत्ता भेजा जा रहा है.अधिकारी ने बताया कि राज्य शासन ने सिप्रोक्सिन 500 दवा समेत छह दवाओं को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया है तथा दवा दुकानों से भी इन दवाओं को नहीं बेचने की सलाह दी गई है.
इधर, सूत्रों ने बताया कि जब औषधि प्रशासन विभाग का छापा महावर फार्मा कंपनी में मारा गया तब वहां परिसर में कुछ दवाओं को जला दिया गया था. बाद में अधिकारियों ने इसकी जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को दी.छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद 13 महिलाओं की मौत की घटना को देखते हुए राज्य शासन ने छह दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य शासन ने दवा दुकानों को निर्देश दिया है कि वह इन दवाओं को न बेचें.राज्य में जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें टेबलेट आईबुफ्रेन 400, टेबलेट सिप्रोसीन 500, इंजेक्शन लिग्नोकेन और लिग्नोकेन एचसीएल, एब्जारबेंट कॉटन वुल और जिलोन लोशन शामिल हैं.