दिल्ली में बढ़ी हुई बिजली दरें महज 24 घंटों के अन्दर वापस ली गयीं

नयी दिल्ली: दिल्ली में बिजली की दरों में की गयी वृद्धि पर दिल्ली में मचे बवाल के बाद आज दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीइआरसी) ने अपनी शुल्क वृद्धि को वापस ले लिया. डीइआरसी ने बिजली कि दरों में सात फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी. ये घोषणा कल रात की गयी थी. बिजली के रेट बढ़ाये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2014 4:23 PM
नयी दिल्ली: दिल्ली में बिजली की दरों में की गयी वृद्धि पर दिल्ली में मचे बवाल के बाद आज दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीइआरसी) ने अपनी शुल्क वृद्धि को वापस ले लिया. डीइआरसी ने बिजली कि दरों में सात फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी. ये घोषणा कल रात की गयी थी. बिजली के रेट बढ़ाये जाने पर कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी समेत सभी प्रमुख दलों ने विरोध किया था.
शुल्क बढ़ाकर फिर वापस घटाने के मुद्दे पर सुरक्षात्मक रुख अपनाते हुए आज डीइआरसी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाली एनटीपीसी समेत बिजली उत्पादक कंपनियों ने कोयला तथा गैस जैसे ईंधन के बारे में आधी-अधूरी जानकारी ही दी थी और अब इस बात का संज्ञान लेने के बाद पहले घोषित की गयी वृद्धि वापस ली गयी है. डीइआरसी ने बिजली खरीद समायोजन लागत यानि पीपीएसी अधिभार फिर से पेश किये जाने की कल रात घोषणा की थी.
भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बिजली शुल्क में वृद्धि को लेकर डीईआरसी की कड़ी आलोचना करते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की थी.
हालांकि, डीइआरसी ने आज दावा किया कि विभिन्न दलों की आलोचनाओं के कारण वृद्धि को वापस नहीं लिया गया है. डीइआरसी के चेयरपर्सन पी.डी. सुधाकर ने कहा कि कोयला तथा गैस आधारित बिजलीघरों से उत्पादन लागत के बारे में जानकारी मांगी गयी है और विस्तृत जानकारी पर गौर करने के बाद दो सप्ताह में शुल्क के बारे में ताजा निर्णय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आयोग के नोटिस में यह बात आयी है कि राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाली एनटीपीसी समेत विभिन्न उत्पादक कंपनियां ईंधन की लागत और उनके बिजलीघरों में उत्पादित बिजली की बिलिंग के बारे में आधी-अधूरी सूचना दी है.
इस मुद्दे पर बोलते हुए दिल्ली कांग्रेस के नेता हारून यूसुफ़ ने कहा कि डीइआरसी ने बढ़ी हुयी कीमतों को कांग्रेस के दबाव में वापस लिया है. केंद्र की भाजपा सरकार ने देश के कुछ राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए ये शुल्क वृद्धि अभी वापस करायी है. कांग्रेस शुल्क वृद्धि का विरोध करती रहेगी.
आम आदमी पार्टी की तरफ से बोलते हुए योगेन्द्र यादव ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी चोर दरवाजे से दिल्ली में बिजली के दाम बढ़ाना चाहती थी क्योंकि उस पर बिजली कंपनियों का दबाव है. डीइआरसी सरकार के इशारों पर काम करती है और इस घटना से उसकी स्वायत्तता की कलइ खुल गयी है. आम आदमी पार्टी के विरोधों की वजह से बीजेपी घबरा गयी थी, इसलिए उसके इशारे पर डीइआरसी ने बढ़ी हुयी कीमतें वापस ली हैं. इसके साथ ही यादव ने अपनी पार्टी की तरफ से भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा को चोर दरवाजे से बिजली कंपनियों के एजेंडे को क्रियान्वित करने की कोशिश से बाज आना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले से कहती रही है कि इन कंपनियों में पारदर्शिता का अभाव है और इसलिए ये ऑडिट करने से भी भागती रही हैं. इसलिए दिल्ली में चुनाव के बाद अगर आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो इन मुद्दों पर उनकी सरकार पारदर्शी नीति बनाने पर जोर देगी.

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