नयी दिल्ली: न्यूयॉर्क से दिल्ली ज्यादा सुरक्षित है. दिल्ली में हिंसा और हत्या के मामले भी न्यूयॉर्क के मुकाबले कम है. निर्मित क्षेत्र के औसत सघनता के लिहाज से नयी दिल्ली का क्षेत्र न्यूयार्क महानगर के विस्तार से दोगुना है. लेकिन इसके बाद भी यहां बड़ी- बड़ी इमारतें कम हैं. दिल्ली को न्यूयॉर्क से सुरक्षित हम नहीं बता रहे इसका खुलासा लंदन स्कूल ऑफ इकानामिक्स द्वारा तैयार अनुसंधान के रपट में कही गई है.
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रिपोर्ट में हुआ खुलासा न्युयॉर्क से ज्यादा सुरक्षित है दिल्ली
नयी दिल्ली: न्यूयॉर्क से दिल्ली ज्यादा सुरक्षित है. दिल्ली में हिंसा और हत्या के मामले भी न्यूयॉर्क के मुकाबले कम है. निर्मित क्षेत्र के औसत सघनता के लिहाज से नयी दिल्ली का क्षेत्र न्यूयार्क महानगर के विस्तार से दोगुना है. लेकिन इसके बाद भी यहां बड़ी- बड़ी इमारतें कम हैं. दिल्ली को न्यूयॉर्क से सुरक्षित […]
इसमें कहा गया है, ‘‘दिल्ली के शहरी विकास की आठ अन्य शहरों – लंदन, बोगोटा, लागोस, तोक्यो, न्यूयार्क, इस्तांबुल और बर्लिन से तुलना में इस बात को उजागर किया गया है कि इस शहर में कम गगन-चुंबी इमारतों के बावजूद इसके निर्मित क्षेत्र की औसत सघनता बेहद अधिक जो 19,698 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है.’’
आज जारी अनुसंधान रपट के मुताबिक ‘‘यह विस्तृत न्यूयार्क महानगर क्षेत्र (11,531 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर – जिसमें गगन-चुंबी इमारतों वाला मैनहैटन का इलाका भी शामिल है) के मुकाबले दोगुना है.’’ रपट में यह भी कहा गया कि न्यूयार्क और इस्तांबुल के मुकाबले दिल्ली में हिंसात्मक अपराध की दर भी कम है जिसका आकलन हत्या के आधार पर किया गया है.यह अनुसंधान आज से शुरु हुए दो दिन के शहरी दौर – ‘शहरी भविष्य का संचालन’ पर आयोजित सम्मेलन की तैयारी में किया गया.
इस सम्मेलन का आयोजन लंदन स्कूल आफ इकानामिक्स एंड पालिटिकल साइंस में एलएसई सिटीज द्वारा किया किया जा रहा है. ड्यूश बैंक की ऐल्फ्रेड हरहॉसेन सोसायटी और नेशनल इंस्टीच्यूट आफ अर्बन अफेयर्स भी इसमें सहयोग कर रहे हैं.इस मौके पर ड्यूश बैंक के सह मुख्य कार्यकारी अंशु जैन ने कहा ‘‘आज शहरों का दायरा विश्व के कुल भू-भाग के दो प्रतिशत में फैला है लेकिन यहां 80 प्रतिशत वैश्विक संपत्ति का उत्पादन होता है. अगले 30 साल में एक तिहाई वैश्विक आर्थिक वृद्धि में शीर्ष 100 शहरों का योगदान होगा.’’
मैकिंजी ग्लोबल इंस्टीच्यूट की रपट का हवाला देते हुए जैन ने कहा ‘‘भारत को अपनी वृद्धि बरकरार रखने के लिए अगले कुछ दशक तक हर साल एक नए शिकागो के बराबर शहर बनाना होगा.’’उन्होंने कहा ‘‘इसीलिए भारत सरकार की 100 स्मार्ट शहर बनाने की पहल बेहद महत्वपूर्ण है.’’
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