दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात निर्माता होगा भारतः तोमर

नयी दिल्ली: भारत के जल्द ही दुनिया का दूसरा सबसे बडा इस्पात निर्माता देश बनने की उम्मीद व्यक्त करते हुए इस्पात मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात की अपेक्षाकृत कम खपत में ही भविष्य में इस क्षेत्र की वृद्धि की संभावना छुपी हुई है. यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2014 8:01 PM

नयी दिल्ली: भारत के जल्द ही दुनिया का दूसरा सबसे बडा इस्पात निर्माता देश बनने की उम्मीद व्यक्त करते हुए इस्पात मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात की अपेक्षाकृत कम खपत में ही भविष्य में इस क्षेत्र की वृद्धि की संभावना छुपी हुई है.

यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) में इस्पात पैवेलियन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, भारत दुनिया में अब कच्चे इस्पात का चौथा सबसे बडा उत्पादक देश है और जल्द ही इसके कच्चे इस्पात का दूसरा सबसे बडे उत्पादक देश बनने की उम्मीद है. लगातार चार वर्षो से भारत दुनिया का चौथा सबसे बडा इस्पात निर्माता देश है. शीर्ष तीन देशों में चीन, जापान और अमेरिका शामिल हैं.
चालू वर्ष के पहले नौ महीनों में छह करोड 24.1 लाख टन के उत्पादन के साथ भारत दुनिया का चौथा सबसे बडा इस्पात उत्पादक देश बना हुआ है. भारत ने वर्ष 2013 में आठ करोड 12.9 लाख टन इस्पात का उत्पादन किया था.
भारत के कच्चे इस्पात की क्षमता वर्ष 2013.14 में 10.1 करोड टन थी. सेल, टाटा स्टील और आरआईएनएल आदि जैसी प्रमुख इस्पात कंपनियों द्वारा इस्पात उत्पादन क्षमता को बढाने के लिए कार्य अब से डेढ साल में शुर होने वाला है. सरकार ने वर्ष 2025.26 तक क्षमता को तिगुना कर 30 करोड टन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
भारत के द्वारा क्षमता विस्तार के लिए लक्ष्य तय किये जाने के बावजूद देश में प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत काफी कम यानी 60 किलोग्राम ही है जबकि वैश्विक औसत करीब 200 किलोग्राम का है.मंत्री ने कहा कि देश में इस्पात की ग्रामीण प्रति व्यक्ति खपत करीब 10 किग्रा है इसलिए खपत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढने की भारी संभावना मौजूद है.
चालू वित्तवर्ष के अप्रैल से अक्तूबर की अवधि के दौरान भारत के इस्पात की खपत मात्र 0.5 प्रतिशत बढकर चार करोड 31.1 लाख टन ही रही.देश के जीडीपी में इस्पात क्षेत्र का योगदान करीब दो प्रतिशत है और इस क्षेत्र में करीब छह लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. वर्ष 2013.14 में भारत तैयार इस्पात का शुद्ध निर्यातक देश रहा.

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