देहरादून : देश के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज उत्तराखंड में आयी तबाही की समीक्षा की. समीक्षा के बाद उन्होंने इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से मना कर दिया.उन्होंने कहा है कि इससे कोई लाभ नहीं होगा. राज्य के दौरे पर शिंदे ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के साथ एक पत्रकार वार्ता में कहा कि सेना की टुकड़ियां दिन-रात एक कर पीड़ितों को प्रभावित इलाकों से निकालने में लगी हैं.उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर खराब मौसम की वजह से हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों को बाहर निकालने के काम में आयी थोड़ी रूकावट के बावजूद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के काम में आज तेजी आती दिखी.
यहां सुरक्षा बलों ने धरासू में फंसे 17 विदेशी सैलानियों को आज बाहर निकाला, वहीं केदारनाथ और गौरीकुंड के बीच फंसे एक हजार तीर्थयात्रियों को भी देखा गया है. इस बीच, गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए यहां पहुंचे हैं. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यहां कहा कि आठ विशेषज्ञों के एक दल को आज केदारनाथ मंदिर भेजा गया है.
उन्होंने बताया कि उस पूरे क्षेत्र में बिखरे शवों की तस्वीरें लेकर राज्य सरकार के आधिकारिक बेवसाइट पर डाली जायेंगी, जिससे कि उनकी पहचान संभव हो सके. राज्य में खराब मौसम की वजह से आज सुबह हेलीकॉप्टर सेवा प्रभावित रही, जिससे कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में देरी हुई, जो रद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने वाले थे.
इस बीच, सुरक्षा बलों ने रद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मंदिर के रास्ते में पडने वाले रामबाड़ा और जंगलछत्ती इलाके में फंसे करीब एक हजार अन्य तीर्थयात्रियों को देखा है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले कई दिनों से भूखे इन लोगों में से कई बीमार हैं और उन्हें तत्काल चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता है.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बीमार लोगों को वहां से निकालने में प्राथमिकता दी जाएगी. बचाव अभियान में लगे 40 हेलीकॉप्टरों के अलावा राजस्थान सरकार ने भी तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए दो हेलिकॉप्टर और 30 बसें दी है. गुजरात सरकार ने राज्य से यहां आये तीर्थयात्रियों को अहमदाबाद वापस पहुंचाने के लिए 140 यात्री क्षमता वाले दो 747 बोइंग चार्टर विमान को बचाव अभियान में लगाया है. गुजरात से आये तीर्थयात्रियों की मदद के लिए शांतिकुंज और हरिद्वार में नियंत्रण कक्ष की भी स्थापना की गयी है.