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आज भगवान कृष्ण के सबसे उंचे मंदिर की आधारशिला रखेंगे राष्ट्रपति

नयी दिल्ली (मथुरा) : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भगवान कृष्ण के ‘चंद्रोदय’ मंदिर की आधारशिला रखने के लिए आज वृंदावन जायेंगे. मथुरा में उनकी सुरक्षा व्यवस्था में बंदरों की तरफ से जिला प्रशासन को आ रही समस्या को देखते हुए अब वह अक्षय पात्र परिसर से बांके बिहारी मंदिर तक शीशों से बंद गोल्फ कार्ट से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2014 11:54 PM
नयी दिल्ली (मथुरा) : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भगवान कृष्ण के ‘चंद्रोदय’ मंदिर की आधारशिला रखने के लिए आज वृंदावन जायेंगे. मथुरा में उनकी सुरक्षा व्यवस्था में बंदरों की तरफ से जिला प्रशासन को आ रही समस्या को देखते हुए अब वह अक्षय पात्र परिसर से बांके बिहारी मंदिर तक शीशों से बंद गोल्फ कार्ट से जाएंगे. इसके लिए दिल्ली से तीन गोल्फ कार्ट भेजे गए हैं.
वहीं मथुरा में राष्ट्रपति की यात्रा में समस्या बने बंदरों को भगाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से लंगूरों की सेवा लेने को लेकर एक गैर सरकारी संगठन ने प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है. इस मंदिर को 72.5 मीटर उंचे कुतुब मीनार से लगभग तीन गुना उंचा 210 मीटर तक बनाये जाने की योजना है.
इस स्थल का भूमि पूजन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस वर्ष के प्रारंभ में किया था. कल राष्ट्रपति द्वारा आधारशिला रखे जाने के साथ ही 300 करोड रुपये की इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा.
परियोजना के आयोजकों ने बताया कि इस मंदिर के पांच साल में बनकर तैयार होने की संभावना है. उसके लिए धनराशि विभिन्न उद्योग घरानों और भगवान कृष्ण के श्रद्धालुओं से संग्रहित की जा गयी है.
राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति के अनुसार मुखर्जी वृंदावन के चंद्रोदय मंदिर में अनंत स्थापना पूजा में भाग लेने के लिए कल वृंदावन जायेंगे. वह दिल्ली लौटने से पहले उसी दिन बांके बिहारी मंदिर भी जायेंगे.
मथुरा से प्राप्त समाचार के मुताबिक राष्ट्रपति अब अक्षय पात्र परिसर से बांकेबिहारी मंदिर तक दर्शन करने इलैक्ट्रॉनिक कार की बजाय शीशों से बंद गोल्फ कार्ट से जाएंगे. जिला प्रशासन ने इसके लिए दिल्ली से तीन गोल्फ कार्ट मंगाए हैं.
राष्ट्रपति रविवार को सुबह सवा ग्यारह बजे हेलीकॉप्टर से दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे छटीकरा-वृन्दावन रोड पर स्थित अक्षय पात्र मंदिर पहुंचेंगे जहां से वह वृन्दावन की घनी आबादी वाले क्षेत्र स्थित बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे.
वृन्दावन की कुंज गलियों में हर तरफ मौजूद बंदर सुरक्षा के लिए भारी सिर दर्द बने हुए हैं जिनसे निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पहले बंदरों पर लगाम लगाने के लिए लंगूरों का इंतजाम किया लेकिन जब लंगूरों को वहां की गलियों में घुमाकर बंदरों पर उनका प्रभाव जानने का प्रयास किया गया तो उल्टा ही नजारा पेश आया. गलियों व पुरानी बस्तियों में घुमाए जा रहे लंगूर खुद उन बंदरों से काफी डरे-सहमे से नजर आए.
इसलिए अब प्रशासन ने उनके स्थान पर राष्ट्रपति को बांकेबिहारी मंदिर के निकट तक शीशों से बंद गोल्फ कार्ट में बैठाकर ले जाने का इंतजाम किया है. राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था देख रहे अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) मनोज सोनकर ने बताया कि उनके लिए तीन गोल्फ कार्ट की व्यवस्था कर ली गई है जिनका आज फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान परीक्षण किया गया है.
जिलाधिकारी राजेश कुमार एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रपति के आगमन से संबंधित सभी तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं. उन्होंने आश्वस्त किया कि सुरक्षा की दृष्टि से चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी है.
एक अन्य घटनाक्रम में राष्ट्रपति के दौरे के लिए लंगूरों की कथित तैनाती पर मथुरा के जिलाधिकारी सहित पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध वन्यजीव क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करायी गयी है.
‘इण्टरनेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ एनिमल प्रॉटेक्शन (ओआइपीए) के इण्डिया हेड एवं पीपुल्स फॉर एनिमल्स (पीएफए) के अध्यक्ष नरेश कादियान ने अपनी शिकायत का आधार जिलाधिकारी द्वारा 13 नवंबर को संवाददाताओं को दी गई जानकारी के समाचार, मीडिया रिपोर्ट एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित फोटो को बनाया है.
कादियान ने राष्ट्रपति के प्रस्तावित कार्यक्रम से संबंधित रिपोटरें का हवाला देते हुए कहा है कि मथुरा के जिला एवं पुलिस प्रशासन ने बांकेबिहारी मंदिर का भ्रमण कार्यक्रम बंदरों के व्यवधान के बिना सकुशल संपन्न कराने के लिए दस लंगूर भाडे पर लिए हैं जिन्हें मंदिर एवं आसपास की गलियों, छतों आदि पर तैनात किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि वन्यजीव क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के उपबंध 22 के अनुसार यह कृत्य कानून के उल्लंघन के दायरे में आता है. इसलिए सभी दस लंगूरों को तुरंत मुक्त किया जाये तथा जिलाधिकारी सहित सभी दोषी अधिकारियों के विरुद्घ कार्रवाई की जाए.
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर बेंगलूर के इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कंससनेस (इस्कॉन) की अवधारणा है. मंदिर की उंचाई करीब 210 मीटर होगी.
वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर देश में भगवान कृष्ण के सबसे पावन एवं प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. राष्ट्रपति की आगवानी के लिए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्रीराम नाईक रविवार को उनके आगमन से पूर्व ही वृन्दावन पहुंच जाएंगे तथा राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रपति के स्वागत के लिए मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि कारागार मंत्री बलराम यादव आज शाम मथुरा पहुंच रहे हैं.

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